सियाणा(जालोर)। कस्बे में रायल्टी ठेकेदार की ओर से बजरी की अवैध वसूली को लेकर ठेकेदार, प्रशासन के बीच वार्ता असफल हो जाने से मंगलवार को सियाणा कस्बा पूर्णतया बंद रखकर प्रशासन के विरोध प्रदर्शन किया।…
ग्रामीणों ने बताया कि बजरी की सरकार द्वारा 85 रूपये प्रति टन होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा फर्जी रसीद बनाकर पांच सौ रूपये वसूलने, बजरी खान पर गहरे खड्डे करने, ठेकेदार द्वारा मनमानी करने, सियाणा-चांदना मार्ग पर स्थित रपट के दोनों और दस दस फीट खड्डे बनाने से वहां से गुजर रही 11 केवी लाईन के खंभे गिरने के कगार पर, खनन विभाग द्वारा ठेकेदार को बजरी के खसरा नम्बर आवंटित नहीं करना, सोमवार को ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन व ठेकेदार की मिलीभगत से मांग नहीं मानकर वार्ता विफल होना, सरकारी नियम के अनुसार 190 रूपये के स्थान पर पांच सौ रूपये वसूलना, राज्य सरकार द्वारा ठेकेदार को बजरी खनन के नियमों का पालन नहीं करना समेत कई बातों को लेकर सोमवार देर शाम को प्रशासन से वार्ता करने के बाद प्रशासन द्वारा माने नहीं मानने को लेकर मंगलवार को सियाणा कस्बा पूर्णतया बंद रखकर सियाणा खेतलाजी मंदिर में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया, ग्रामीण प्रशासन के नहीं आने पर सियाणा खेतलाजी मंदिर में भजनों की सरिता बहाई।
काफी देर तक बहस
सियाणा में प्रशासन शाम को आने के बाद ग्रामीणों की मांग को अवगत कराया मगर फिर भी प्रशासन व ठेकेदार द्वारा मांगे नहीं मानने पर ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ कई बार नारेबाजी कर विरोध जताया मगर फिर भी नहीं माने वार्ता करीब चार घंटे तक चली बहस के बाद भी नहीं माने तब जालोर तहसीलदार ममता अहुआ, खनन विभाग के अधिकारी, ग्रामीणों ने मौके पर खनन का मौका मुआयना करवाया तब पूर्व प्रधान प्रदीपसिंह चौहान, किसान नेता रामसिंह, देवाराम राजपुरोहित, हिम्मताराम, हकाराम भाटी , नटवरसिंह राजपुरोहित व देवीसिंह समेत कई ग्रामीणों ने लिखित में प्रशासन को दो दिन का अल्टीमेट देते हुए खनन खनन विभाग के अधिकारियों को ठेकेदार को लामबंद करने की चेतावनी देते हुए धरना समाप्त किया।
धरने में नहीं आई पुलिस
सियाणा में बजरी की अवैध रूप से ठेकेदार द्वारा वसूली करने को लेकर जब सोमवार व मंगलवार को भी धरने की सूचना देने के बाद भी धरना प्रदर्शन में दिनभर नहीं आने से पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाजी की। वहीं शाम को जालोर से प्रशासन आया तब बागरा थानाधिकारी बाबुसिंह राजगुरू समेत मय जाप्ता मौके पर आया।
प्रशासन रहा मौन
जब रायल्टी की अवैध को लेकर सोमवार देर शाम मंगलवार शाम को जालोर से आए प्रशासन को लेकर ठेकेदार को कौनसे खसरे से बजरी को खनन करने को आवंटित किया गया सरकार की ओर से पूरी नदी में खनन करने का आदेश नहीं होता है ग्रामीणों ने अधिकारियों को जब खसरा नम्बर, ठेकेदार को किस नदी में बजरी खनन करने का ठेका देने के आदेश के दस्तावेजों को लेकर सवाल किए तो पुरा प्रशासन मौन नजर आया। वहीं प्रशासन को ठेकेदार की ओर से की जा रही अवैध वसूली को लेकर को लेकर जालोर कलक्टर के नाम ज्ञापन थमाया गया इस दौरान मजदूर, टेक्ट्रर मालिक, कारीगर, ग्रामीण समेत कई लोग मौजूद थे।