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smack paralises youth of sirohi, police system seems inert in district headquarter
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ड्रग्स से तबाह युवाओं की परिजनों की नींद उडी, पुलिस चिर निंद्रा में

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ड्रग्स से तबाह युवाओं की परिजनों की नींद उडी, पुलिस चिर निंद्रा में
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। चार दिन पहले की ही बात है। सिरोही कोतवाली के पास ही एक मेडीकल की दुकान पर एक बेबस पिता और उसकी लाचार बेटी अपने बेटे के हाथों की जली हुई पोर दिखाने लगे। लाचारी में बाप और बहन ने बताया कि उसके लडके के हाथों का ये हाल एल्युमिनियम फाॅइल से स्मैक पीने से हुई है।

सिरोही कोतवाली की दीवार से जुडे मोहल्ले में रहने वाले इस लाचार बाप ने बताया कि इन लोगों को यह ड्रग्स कोतवाली के सौ मीटर के दायरे में ही मिल जाती है। बार-बार सिरोही कोतवाली का इस्तेमाल करने के पीछे की मंशा सीधी है।

जैसा कि शहरवासी और ड्रग्स के बर्बाद हुए युवाओं के परिजन दावा कर रहे हैं यह स्थिति पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में लचर शहर पुलिस की देन है। कोतवाली के चारों तरफ ड्रग्स पेडलिंग की यह स्थिति है तो शहर और जिले में क्या हालात होंगे कहने की जरूरत नहीं है।

-भाजपा ने पंजाब की तरह राजस्थान को डाला ड्रग्स की चपेट में

राजस्थान की भाजपा सरकार ने राजस्थान के इस सबसे पिछडे जिले की के युवाओं को भी पंजाब की तरह ड्रग्स की लत में डाल दिया और अपनी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सहमति से यहां पहुंचने वाले पुलिस अधिकारियों ने इस धंधे के प्रति आंख मूंदकर इसे पनपाने में कोई कसर नहीं छोडी है।

तीस हजार की आबादी वाले सिरोही जिला मुख्यालय की ही नहीं पूरे जिले में यह हालात हैं। सिरोही शहर में भाटकडा, सिनेमा हाॅल चैराहा, हाउसिंग बोर्ड, राजमाता धर्मशाला, सुभाष उद्यान, सर्किट हाउस, पीडब्ल्यूडी काॅलोनी के सुनसान इलाके स्मैक बेचने, खरीदने और पीने के लिए मुफीद अड्डे बन चुके हैं।

यदि इस बात से पुलिस नावाकिफ है तो इसके कुछ मायने हैं। या तो सिरोही कोतवाली पुलिस का मुखबिर तंत्र ढीला है या पुलिस के आला अधिकारी की सरपरस्ती ड्रग्स के धंधे से जुडे लोगों के साथ है या फिर पुलिस सिरोही के युवाओं को ड्रग्स से तबाह होने में अपनी मूक सहमति प्रदान कर चुकी है।

इत्तेफाक यह है कि मीडिया रिपोर्ट्स में स्वयं पुलिस अधीक्षक ड्रगस की इस खेप के पंजाब और मध्यप्रदेश से आने की बात कहते नजर आ रहे हैं, लेकिन कार्रवाई सामने नहीं दिख रही है।

-प्रेरणा शेखावत ने ही की कार्रवाई

सिरेाही पुलिस के लिए यह शर्मनाक बात है कि सिरोही ड्रग्स को लेकर जो कार्रवाइयां की गई हैं, वह सिर्फ पूर्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने की। एकाध कार्रवाई को छोड देवें तो सिरोही कोतवाली पुलिस की कोई उपलब्धि नहीं रही है।

इसी सिरोही शहर में पूर्व एएसपी प्रेरणा शेखावत ने ड्रग्स की खरीददारी और बेचान करने वाले कई मामलों को खुलासा किया। उनके जाने के बाद सिरोही शहर में ड्रग्स का धंधा और फला फूला। स्थिति यह है कि उनके ट्रांसफर को भी शहरवासी ड्रग्स के धंधे से जुडे लोगों के वरदहस्तों से जोडकर देख रहे हैं।

चर्चा यह भी है कि एक नेता ने बिना उनकी सहमति के उन्हें यहां से ट्रांसफर करने की डिजायर तक भेजी थी। उनके जाने के बाद पुलिस अधीक्षक को छोडकर सिरोही पुलिस की पूरी मशीनरी बदल चुकी है और इस मशीनरी में आए आला अधिकारियों और थानाधिकारियों की ड्रगस के धंधे पर लगाम लगाने की कोई बडी कार्रवाई नहीं दिखी।