अजमेर। राजस्थान के शहरी विकास एवं आवास मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए आर्थिक और रोजगारपरक योजनाओं को लागू किया जाना चाहिए।
शेखावत ने शुक्रवार को यहां फिक्की और यूएस बिजनेस कांउसिल की ओर से अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए आयोजित दो दिवसीय कानक्लेव में कहा कि विकास नागरिकों को केंद्रित करके एवं राजस्व बढ़ाने वाला होना चाहिए।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि अजमेर को शिक्षा हब बनाकर ही विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने उत्तर भारत का तकनीकी अध्यापक प्रशिक्षण केन्द्र, राजस्थान में बनाने का निर्णय लिया है।
अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए यहां के हेरीटेज स्वरूप को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार योजनाओं का निर्माण होना चाहिए। इसके साथ ही ढांचागत विकास के लिए फ्लायी ओवर, यातायात नियंत्रण, एम्युजमेंट पार्क, आटोमोबाइल्स, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के अलावा शिक्षा हब बनाने पर ज्यादा ध्यान देना होगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनीता भदेल ने सुझाव दिया कि अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कंपनियों को स्थानीय नागरिकों से चर्चा करनी चाहिए , वहीं संरक्षण धरोहर के अध्यक्ष औंकार ङ्क्षसह लखावत ने अजमेर के पानी के स्रोतों को संरक्षित करने पर बल दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक जैन ने स्पष्ट किया कि अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए राज्य सरकार अमरीकन कंपनी को सीधे तौर पर नहीं लगाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार के पास इसके लिए सीमित कोष है।
उन्होंने कहा कि इसके तहत कंपनियां अपनी क्षमता और तकनीक अधिकारियों को बताएगी और उसके बाद ही इस बात पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार यहां योजना, डिजाईन, ढांचागत विकास और नागरिक सेवाओं में सुधार चाहती है।
कंपनियां इन सुविधाओं के लिए शुल्क ले सकती हैं, इनमें यातायात, निर्माण, नागरिक स्वच्छता सेवाओं और योग्यता के उत्थान के लिए शुल्क ले सकती हैं। जैन ने कहा कि कंपनियां स्मार्ट सिटी के लिए अपने विजन डाक्यूमेंट बनाएंगी और इसके लिए राज्य सरकार सलाहकार नियुक्त करेगी और आपसी सहयोग से इसे शुरू किया जाएगा।
फिक्की के महानिदेशक अरविंद प्रसाद ने कहा कि भारतीय कंपनियां नीतिगत सहयोग के लिए तैयार हैं और फिक्की इसके लिए चिन्हित क्षेत्रों में श्रेष्ठ समाधान का प्रयास करेगी।
इस अवसर पर विभिन्न कंपनियों ने पायलट प्रोजेक्ट का प्रेजेन्टेशन किया। इस दौरान कंपनियों के निदेशकों ने कहा कि यह कानक्लेव सरकार और कंपनियों के बीच विश्वास कायम करने में मददगार होगा।