सूरत। मुख्यमंत्री आवास योजना के 11 हजार आवासों के निर्माण के साथ महानगर पालिका 15 हजार आवास और बनाएगी। इनका निर्माण मनपा आरक्षितप्लॉटों और झोपड़पट्टी वाली जमीनों पर होगा। मनपा प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत शहर में मध्य और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए आवास बनाने की योजना शुरू हो चुकी है। शहर के विभिन्न जोन में 11 हजार एलआईजी एवं इडब्ल्यूएस आवास बनाने का काम शुरू हो चुका है। मनपा प्रशासन को उम्मीद है कि अगले साल दीपावली तक इन आवासों का कब्जा लाभार्थियों को दे दिया जाएगा। इस वजह से नए आवासों का निर्माण नए साल में शुरू किया जाएगा।
शहर में मनपा अपने 19 प्लॉटों को चिन्हित भी कर चुकी है, जहां अभी झोपड़पट्टिया बनी हुई हैं। मनपा यहां पीपीपी मॉडल पर स्लम रिडेवलपमेंट योजना शुरू करेगी। इन प्लॉटों में सर्वाधिक 15 प्लॉट लिंबायत जोन, दो वराछा और एक-एक रांदेर एवं उधना जोन में हैं। मनपा आयुक्त मिलिंद तोरवणे ने बताया कि पीपीपी के तहत निजी डेवलपर्स का साथ लिया जाएगा, जो उस जमीन पर आवासों का निर्माण करेंगे। निर्माण खर्च की वसूली के लिए उन्हें उसी जगह कुछ कमर्शियल निर्माण या जगह नहीं होने पर दूसरी जगह ट्रांसफर डेवलपमेंट राइट (टीडीआर) दिया जाएगा।
इस टीडीआर के जरिए वह दूसरी जगह निर्माण कर खर्च वसूल पाएंगे। मनपा की जमीनों पर बनी झोपड़पट्टियों वाली जमीनों पर वहां के निवासियों को उसी जगह आवास देने की योजना है। निर्माण की अवधि तक लाभार्थियों को दूसरी जगह रहने का खर्च भी दिया जा सकता है। इन जगहों पर सिर्फ ईडब्ल्यूएस आवास बनाए जाएंगे। इसके अलावा एलआईजी योजना के अंतर्गत मनपा के आरक्षित प्लॉटों पर निर्माण होगा। इन 15 हजार आवासों में कितने आवास एलआईजी होंगे, यह प्लॉटों के निर्धारण के बाद तय होगा।