आगरा। रुनकता (सिकन्दरा) के मुख्य बाजार में बुधवार सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे आतिशबाजी की दुकान में भीषण आग लग गई। आग में दो सगी बहनों की मौत हो गई।
दुकान में आग लगते ही बाजार में अफरा-तफरी मच गई। दुकानदार दुकानों से बाहर निकल आए। उन्होंने आग पर काबू पाना शुरू कर दिया। तेज धमाके के साथ फट रही आतिशबाजी के चलते दुकानदार और क्षेत्रीय लोग आग बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।
सूचना पर फायर सर्विस की दमकलें और सिकन्दरा पुलिस पहुंच गई। दमकलकर्मियों ने कई घंटे के बाद आग पर काबू पाया। तब तक लाखों रुपयों की आतिशबाजी जलकर राख हो गई।
घटना बुधवार सुबह करीब 11.30 बजे की है। रुनकता (सिकन्दरा) निवासी संजीव कुमार अग्रवाल रुनकता बाजार में वैष्णवी स्टेशनरी के नाम से दुकान चलाते हैं। उनकी दुकान के पीछे आवास है। वह हर साल दीपावली पर आतिशबाजी की दुकान लगाते हैं।
इस वर्ष भी उन्होंने दुकान लगा रखी थी। रोजाना की भांति वे दुकान पर बैठे थे। बाजार में दीपावली को लेकर चहल-पहल थी। घर में उनकी पत्नी उर्वशी, आठ साल का बेटा कृष्णा, 12 साल की बेटी वैष्णवी और 10 साल की मीनू घर में मौजूद थी।
अचानक आतिशबाजी में आग लग गई। आग लगते ही संजीव की पत्नी उर्वशी अपने आठ वर्षीय बेटे कृष्णा को लेकर पीछे के रास्ते से निकल गई, लेकिन घर में वैष्णवी और मीनू फंस गई। दोनों ने अंदर से निकलने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं निकल सकीं।
इधर तेज धमाकों के साथ फट रही आतिशबाजी से बाजार में खलबली मच गई। दर्जनों की संख्या में दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों से उठकर बाहर आ गए। लोगों की भीड़ जमा हो गई, लेकिन फटती आतिशबाजी के आगे कोई भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। इधर कमरे में फंसी दोनों बहनों के कमरे में धुआं भरने से उनका दम घुटता जा रहा था।
लोग इधर-उधर भाग रहे थे। दुकान मालिक बच्चियों को बचाने के लिए चीख पुकार कर रहा था। दुकानदारों एवं लोगों ने पुलिस को सूचना देकर बुलाया। मौके पर पुलिस-प्रशासन पहुंचा। उन्होंने तत्काल फायर सर्विस को बुलाया।
मौके पर दमकल पहुंची लेकिन बाजार में संकरा रास्ता होने के कारण वे अन्दर नहीं जा सकीं। लोगों ने उनकी मदद की और पाइप को लेकर अंदर घुसे। कई घंटे के बाद आग पर काबू पाया। तब तक दोनों बहनों वैष्णवी और मीनू की मौत हो गई। बाद में पुलिस ने दोनों शवों को बाहर निकाला।