तिरुवनंतपुरम। केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने गुरुवार को विधानसभा के विशेष सत्र में सौर घोटाले की जांच करने वाले न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट पेश की। विजयन ने दिन की कार्यवाही के सीधे प्रसारण के आदेश दिए।
न्यायाधीश जी. शिवराजन (सेवानिवृत्त) की 1,000 से अधिक पृष्ठों की रिपोर्ट में चार खंड अंग्रेजी में एक मलयालम में हैं। मुख्यमंत्री द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद इसकी प्रतियां सभी विधायकों और मीडियाकर्मियों को दी गई।
सरिता नायर और उनके लिव इन पार्टनर बिजू राधाकृष्णन ने करोड़ों रुपये के सौर ऊर्जा निवेश घोटाले के आरोप लगाए थे, जिसने 2013 में तत्कालीन ओमान चांडी सरकार को हिलाकर रख दिया था।
इस रिपोर्ट में चांडी और उनके कार्यालय के तीन कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया है। इसके अलावा इस मामले के अन्य दोषियों में चांडी के पूर्व कैबिनेट सहयोगी आर्यादन मोहम्मद, अदूर प्रकाश, ए.पी. अनिल कुमार और तिरुवंचूर राधाकृष्णन शामिल हैं।
इस मामले में शामिल अन्य नामों में विधायक हिबी एडेन, पूर्व विधायक बेनी बहनान और थंपानूर रवि, लोकसभा सदस्य जोस के.मणि और के.सी. वेणुगोपाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री पलानीमनिकम और पार्टी के अन्य सदस्य हैं।
इस रिपोर्ट में नायर द्वारा लिखित पत्र भी है, जिसमें उन्होंने अपना यौन उत्पीड़न करने वाले सभी नामों का खुलासा किया है।
विजयन का संबोधन खत्म होने के बाद विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि ऐसी खबरे हैं कि शिवराजन के रिपोर्ट दाखिल करने के बाद एक बार फिर सेवानिवृत्त जज के पास एक शख्स को भेजा गया, जो नहीं होना चाहिए था।
चेन्नीथला ने कहा कि यह रिपोर्ट सरिता नायर के बयान पर आधारित है और आप (विजयन) इसे चांडी जैसे दिग्गज नेता के खिलाफ अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनका पिछला रिकॉर्ड बेजोड़ हैं और जिन्होंने लगभग 50 वर्षो में विधायक के रूप में स्वयं को सिद्ध किया है।
विपक्षी नेता 50 मिनट के सत्र के बाद इस मामले के ताजा घटनाक्रमों से निपटने के लिए चेन्नीथला के आधिकारिक आवास पर एकजुट हुए।
सूत्रों के मुताबिक विपक्षी कांग्रेस अदालत में इस रिपोर्ट को चुनौती देने के लिए तैयार है।विधानसभा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट को पेश करने के लिए विशेष सत्र बुलाया गया।