बैतूल। जीटी एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे सेना के एक जवान की पिटाई कर उसके 100-100 के नोट छीनने के बाद उसे चलती ट्रेन से बाहर फेंकने का मामला समने आया है। दूसरी ओर जीआरपी इस घटना को झूठा बता रही है। सैनिक को गंभीर रूप से घायल स्थिति में पहले मुलताई, फिर जिला अस्पताल लाया गया।
घायल जवान मल्लिकार्जुन नुपूर ने बताया कि वह आंध्रप्रदेश के नैल्लुर का निवासी है। मल्लिकार्जुन आर्म्स रेजीमेंट हिसार, हरियाणा में पदस्थ है। वह एक माह की छुट्टी रविवार को जीटी एक्सप्रेस से सराय रोहिल्ला से नैल्लुर जा रहा था।
मल्लिकार्जुन के मुताबिक इस दौरान एसी कोच में तीन-चार युवकों से उसका किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इस दौरान युवकों ने उसके पास रखे सौ-सौ के नोट के लगभग 3-4 हजार रुपए छीन लिए। रुपए छीनने के बाद बदमाशों ने उसे चिचण्डा स्टेशन के पास चलती ट्रेन से फेंक दिया।
चिचण्डा के रेलवे स्टाफ की नजर जब जवान पर गई तो उन्होंने मुलताई की ओर आ रही पटना एक्सप्रेस को रुकवाया और घायल जवान को मुलताई भिजवाया। स्टेशन पर संजीवनी 108 ने पहुंचकर जवान को नगर के सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका उपचार किया गया।
प्राथमिक उपचार के बाद उसे बैतूल जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां। जवान की हालत गंभीर बनी हुई है। संजीवनी 108 के स्टाफ ने बताया कि आर्मी का जवान अर्जुन चिचंडा के समीप ट्रैक पर पड़ा था, जहां ट्रेकमेन सुरेश कुमार ने उसे देखा और मुलताई की ओर आ रही पटना एक्सप्रेस को रुकवाया और अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में बीएमओ मनोज खन्ना द्वारा उनका उपचार किया गया। डॉक्टर खन्ना ने बताया कि जवान का हाथ टूट गया है और अन्य चोंटे भी हैं। दूसरी ओर इस पूरी घटना को जीआरपी के इंस्पेक्टर सही नहीं मानते। उनका कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।