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कैशलेस में मददगार कुछ सरकारी 'टूल्स' - Sabguru News
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कैशलेस में मददगार कुछ सरकारी ‘टूल्स’

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कैशलेस में मददगार कुछ सरकारी ‘टूल्स’

डिजिटलाइजेशन के दौर में कैशलेस ट्रांजेक्शन टर्म तेजी से विकसित हो रहा है। आम लोगों की जरुरत यह इसलिए बन गया है क्योंकि खरीदारी अथवा बिक्री के लिए दोनों खरीदार और बेचने वाले को बैंक का सहारा लेने की जरूरत पड़ती है। डिजिटल वॉलेट, मोबाइल बैंकिंग, एनईएफटी और आरटीजीएस भी कैशलेस ट्रांजेक्शन के तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं।

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ऐसे में सिर्फ गैर सरकरी ही नहीं वरन सरकारी एप्स और वेबसाइट्स है जो इन कैशलैस दिनों में लोगों के बहुत काम आ रही है। यही वजह है कि सरकार ने नोटबंदी के बाद देश के नागरिकों के लिए एक-एक करके चार टूल्‍स लॉन्‍च किए हैं। मौजूदा कैशलेस सिस्‍टम यानी इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) के साथ ही अब भारतक्‍यूआर कोड, यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और भीम एप भी आ गए है।

BharatQR code : एक ही कोड से चल जाएगा काम

क्विक रिस्‍पॉन्‍स कोड यानि कि QR कोड के जरिए भी डिजिटल तरीके से पेमेंट कर सकते हैं। भारतक्‍यूआर कोड को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन, मास्‍टर कार्ड और वीजा ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह विश्‍व भर में अपनी तरह का सबसे पहला प्रयास है, जिसमें विभिन्‍न प्रकार के पेमेंट के लिए सिंगल QR कोड का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। यानि कि अब पेटीएम, मोबिक्‍विक या फिर पेजैप जैसे अलग अलग मोबाइल वॉलेट के लिए अलग अलग QR कोड स्‍कैन करने की जरूरत नहीं है। एक ही कोड आपका काम हल कर देगा। यह एप एंड्रॉयड और iOS ऑपरेटिंग सिस्‍टम पर काम करेगा। फिलहाल यह एप विंडोज प्‍लेटफॉर्म पर उपलब्‍ध नहीं है।

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Unified Payments Interface (UPI) : बनाना होगा एम पिन

यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम मोबाइल एप पर आधारित है। यानी ये इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले स्मार्टफोन में काम करता है। यूपीआई को इस्तेमाल करने के लिए इंटरनेट से जुड़ा होना जरूरी है। इसमें आपको अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी या बैंकिंग पासवर्ड फीड नहीं करना होता है। आपको मोबाइल बैंकिंग पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर (एम-पिन) बनाना होता है, जो 4 या फिर 6 डिजिट का हो सकता है। यह एटीएम पिन की ही तरह गोपनीय कोड होता है। लगभग सभी बैंक UPI पेमेंट सिस्‍टम को सपोर्ट कर रहे हैं। यह एप एंड्रॉयड तथा iOS प्‍लेटफॉर्म्‍स पर उपलब्‍ध है।

Bharat Interface for Money (BHIM) : लेनदेन के अलावा जाचिएं बैलेंस

भीम एप को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने डवलप किया है। इसकी मदद से लोग यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के जरिए पैसे मंगवा और भेज सकते हैं। फिलहाल देश के 37 प्राइवेट और पब्लिक सेक्‍टर के बैंक इस एप के साथ इंटीग्रेट हो चुके हैं। यह एप मोबाइल नंबर से लिंक रहता है। इस एप से पेमेंट देने और लेने के अलावा आप अपने बैंक खातों का बैलेंस भी चेक कर सकते हैं।

इस एप से आप उन बैंक खातों में भी रकम भेज सकते हैं, जो यूपीआई से कनेक्‍ट नहीं हैं। इसके लिए आपको IFSC कोड तथा खाता नंबर की आवश्‍यकता होती है। हाल ही में इस एप में आधार नंबर से पेमेंट की सुविधा को भी जोड़ा गया है। एंड्रॉयड तथा iOS यूजर्स इस एप को डाउनलोड कर सकते हैं।

Aadhaar-enabled payment system (AEPS) : काम बनता है फिंगर प्रिंट से

एईपीएस का अर्थ है आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम। यह बैंक ग्राहक को बैंक खाते तक पहुंच बनाने एवं सामान्य बैंकिंग लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है। यह बैंकिंग कॉरस्पॉंडेंट (बीसी) की सहायता से पीओएस (माइक्रो एटीएम) पर बैंक-से-बैंक लेनदेन की अनुमति देती है। उपयोगकर्ता को बैंक में या बीसी की सहायता से अपने अकाउंट के लिए आधार नम्बर देना होता है। इस पेमेंट सिस्टम में फिंगर प्रिंट रीडर का इस्तेमाल होता है।

Aadhaar Pay : मोबाइल की जरुरत नहीं

आधार पे से फिंगरप्रिंट के जरिए फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन को पूरा किया जा सकता है। आधार पे पहले से इस्तेमाल हो रहे आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम का मर्चेंट वर्जन है। इसका इस्तेमाल पहले से प्रचलित ऑनलाइन और कार्ड ट्रांजेक्शन का विकल्प हो सकता है जहां पासवर्ड और पिन की जरूरत पड़ती है। इस एप के जरिए कैशलेस पेमेंट करने के लिए ग्राहकों को सिर्फ अपना आधार नंबर, उस बैंक का नाम जिससे पेमेंट किया जाना है और अपना फिंगरप्रिंट देने की जरूरत है।

इस एप के जरिए पेमेंट करने के लिए सिर्फ एक सामान्य एंड्रॉएड फोन की जरूरत पड़ेगी और मर्चेंट को बायोमैट्रिंक डिवाइस लगाना होगा। इस एप से बिना किसी कार्ड और पिन नंबर के डिजिटल ट्रांजेक्शन करना संभव होगा। आधार पे खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है, जिनके पास डेबिट कार्ड, मोबाइल वॉलेट और मोबाइल फोन नहीं हैं।