मुंबई। कनाडा के गायक जस्टिन बीबर की आगामी भारत यात्रा के दौरान उनके एक कनर्स्ट की शुरुआत में सोनाक्षी सिन्हा द्वारा गायन प्रस्तुति के विरोध में ट्वीटर पर गायक अरमान मलिक की अभिनेताओं के गाने संबंधी की गई एक टिप्पणी का मामला बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा था कि गीत गाने और संगीत की समझ पैदा करने के लिए सालों की मेहनत लगती है, तब कोई व्यावसायिक स्तर पर पहुंचता है। संगीत और गाने या किसी भी कला के स्तर पर पहुंचने के लिए आपको इसकी आवश्यकता पड़ती है। लाखों गायक काम की तलाश कर रहे हैं।
आप कल्पना करो कि वह कितना खराब महसूस करेंगे, जब वे गैर-गायकों को मौका मिलते हुए देखेंगे? क्या अरमान अपनी बात से अभिनेता से गायक बन रहे(गैर-गायक) लोगों को चुनौती दे रहे थे?
अरमान ने कहा था कि जो कुछ मैं मानता हूं वही सच सामने रख रहा हूं। जब ये अभिनेता अपने खुद के गानों को गाते हैं तब फिल्म लोगों को औसत दर्जे की लगने लगती है। यदि वे गा सकते हैं तो हम भी गा सकते हैं। हमारे सिनेमा में संगीत और गायन का स्तर नीचे गिरा है, क्योंकि आजकल कोई भी गा सकता है।
उन्होंने कहा कि गायक बनने की इच्छा रखाने वाले संगीत, राग, शास्त्रीय संगीत और अन्य संगीत की विधाओं को सीखने का प्रयास नहीं करेंगे।
वहीं शास्त्रीय गायिका अल्का याग्निक अरमान की बातों से असहमति जताती हैं। याग्निक ने कहा कि क्यों नहीं? अभिनेता को क्यों नहीं गाना चाहिए? इन दिनों तकनीकि जैसे कि ऑटो-ट्यनिंग की मदद से कोई भी किसी भी स्थिति में गायकों की तरह आवाज निकाल(रियाज) सकता है।
संगीतकार अमित त्रिवेदी भी याग्निक की बात से सहमति जताते हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक बात अभिनेताओं के गाने की है तो वे अच्छा गाते हैं, यह सचमुच अच्छा है। मुझे अभिनेताओं के गाना गाने से कोई परेशानी नहीं है। आलिया भट्ट और दिलजीत दोसांझ ने मेरे लिए गाया है।