छपरा/ सोनपुर। प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंडक नदी के तट पर लगने वाला विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है। यह मेला भले ही पशु मेला के नाम से विख्यात है, लेकिन इस मेले की खासियत यह है कि यहां सूई से लेकर हाथी तक की खरीदारी आप कर सकते हैं।
5 से 6 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले इस मेले की शुरुआत हरसाल कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के साथ होती है और एक महीने तक मेले से जुड़े तमाम आयोजन होते हैं।
जानकार बताते है कि इस मेले में कभी अफगान, इरान, इराक जैसे देशों के लोग पशुओं की खरीदारी करने आया करते थे। कहा जाता है कि चंद्रगुप्त मौर्य ने भी इसी मेले से बैल, घोड़े, हाथी और हथियारों की खरीदारी की थी। आज भी देश के विभिन्न राज्यों से व्यापारी और खरीदार अपने पशुओं के साथ यहाँ पहुंचते है। हालाकि हाथी की बिक्री पर अब रोक है।
अब भी यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है।शहरों में मॉल कल्चर के इस दौर में बदलतेवक्त के साथ इस मेले के स्वरूप और रंग.ढंग में बदलाव जरूर आया है लेकिन इसकी सार्थकता आज भी बनी हुई है। मेले में पशु.पक्षी, लकड़ी के सामान, कपड़े, वूलेन कपड़े आदि की दुकाने कश्मीर समेत देश के अन्य राज्यों से आये व्यापारियों द्वारा लगायी जाती है।
मेले का सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्त्व
विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला सिर्फ व्यापारिक दृष्टि से ही नहीं सांस्कृतिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से भी विख्यात है।पौराणिक कथा के अनुसार यहाँ गज और ग्राह का वर्षों चलने वाला युद्ध हुआ था। बाद में भगवान विष्णु की सहायता से गज की विजय हुई थी। कुछ लोगों के अनुसार प्राचीन काल में यहाँ ऋषियों और साधुओं का एक विशाल सम्मेलन हुआ तथा शैव और वैष्णव के बीच गंभीर वाद विवाद खड़ा हो किंतु बाद में दोनों में सुलह हो गई और शिव तथा विष्णु दोनों की मूर्तियों की एक ही मंदिर में स्थापना की गई, उसी को स्मृति में यहाँ कार्तिक में पूर्णिमा के अवसर पर मेला आयोजित किया जाता है।
देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते है मेले में
देश.विदेश से सैलानी सोनपुर मेले के आकर्षण से बच नहीं पाते हैं और यहां खिंचे चले आते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, मंगोलिया, जापान, नेपाल आदि देखों से पर्यटक प्रत्येक साल यहाँ बड़ी संख्या में पहुंचते है। राज्य सरकार और पर्यटन विभागके द्वारा मेले में पहुँचने वाले सैलानियों के लिए खास इंतजाम किए जाते है।
पुष्कर मेले की तर्ज पर स्पेशल स्विस कॉटेज
सैलानियों के लिए खास इंतजाम,.विदेशों से आने वाले सैलानियों के लिए ठहरनेए खाने.पीने और सैर के लिए खास इंतजाम किए गए है। पर्यटन विभाग ने राजस्थान के प्रसिध्द पुष्कर मेले की तर्ज पर स्पेशल स्विस कॉटेज बनाया जा रहा है। यह कॉटेज 21 नवम्बर तक बन के तैयार हो जायेंगे।
इन कॉटेज में सैलानियों को सितारा होटलों के जैसी सुविधा मिलेगी। विदेशी पर्यटकों को हाथी से मेला की सैर करने के भी इंतजाम किए गए है।कब से कब तक चलेगा मेलारूविश्व प्रसिध्द् हरिहर क्षेत्र सोनपुर में 23 नवम्बर से शुरू होकर 24 दिसम्बर तक चलेगा।
कैसे पहुंचे सोनपुर मेला
हवाई मार्ग से : नजदीकी एअरपोर्ट
पटना सड़क मार्ग से : पटना से 25 किमी
रेल मार्ग से : नजदीकी स्टेशन सोनपुर, हाजीपुर, छपरा एवं पटना