नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक सभी नकदी जमा करने की मशीनों को नेशनल फाइनेशियल स्विच (एनएफएस) से जोडने पर विचार कर रहा है जो उसे अंतःप्रचालनीय (इंटरऑर्पेबल) करने के साथ ग्राहकों को किसी भी बैंक की मशीन से अपने खाते में नकदी को जमा करने की अनुमति देगा।
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एच आर खान ने मुंबई में बताया कि सभी एटीएम पहले से ही एनएफएस का हिस्सा है और नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से अब सभी नकदी जमा करने वाली मशीनों को एनएफएस से जोडने का प्रस्ताव है। इससे किसी भी बैंक का ग्राहक किसी भी बैंक की जमा करने वाली मशीन के जरिये अपने खाते में राशि को जमा कर सकेगा।
जब उनसे एटीएम इंटरचेंज शुल्क के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा िकइस पर बैंक स्तर बातचीत चल रही है और रिजर्व बैंक ने उन्हें इस पर फैसले करने की अनुमति दे दी है।
खान ने कहा, लेकिन एक चीज आपको याद रखनी चाहिये कि कोई भी प्रौद्योगिकी या पहल लाभप्रद होनी चाहिये खासतौर से शुरूआती दौर में। अगर आप उसकी लागत को वसूल नहीं पाते है तो उसका विस्तार नहीं किया जा सकेगा। इसलिये आपको लाभ और सुविधा के बीच संतुलन बनाना होगा।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने बढ़ती धोखधडी को देखते हुये साइबर सुरक्षा पर अपना ध्यान बढ़ा दिया है।
खान ने कहा, हम साइबर सुरक्षा के बारे में चिंतित है और उसपर ध्यान दे रहे है। बैंकों को सतर्क कर दिया गया है और इंडियन बैंक एसोशियेसन साइबर सुरक्षा मोर्च पर पहल भी कर रही हैं।