सोल। दक्षिण कोरिया की संविधानिक अदालत ने राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे के खिलाफ संसद से पारित महाभियोग प्रस्ताव पर शुक्रवार को अपनी मुहर लगा दी। अब पाक् अपने पद से हट गईं हैं और उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी चल सकता है।
आठ सदस्यीय संविधानिक पीठ ने कहा कि पार्क ग्यून हे को हटाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। फैसला सुनाते हुए कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ली जंग मी ने कहा कि पार्क ने सरकारी दस्तावेज लीक किए और चोई को सरकारी काम में दखल देने की इजाजत देकर कानून का उल्लंघन किया है।
उल्लेखनीय है कि पार्क दक्षिण कोरिया की पहली ऐसी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गईं राष्ट्रपति हैं जिन्हें महाभियोग लगाकर हटाया गया है। अब देश में 60 दिनों के अंदर राष्ट्रपति का चुनाव होगा।
अदालत में फैसला सुनाए जाने के बाद पार्क के विरोधियों ने जहां जश्न मनाया, वहीं उनके विरोधियों के आंखों में आंसू छलक आए। कुछ समर्थकों ने अदालत में जबरन घुसने की कोशिश की जिससे पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई। प्रदशन के दौरान दो समर्थकों की मौत भी हो गई, जबकि आठ अन्य लोग घायल हो गए।