महोबा। बीती 23 फरवरी को मतदान से चंद घंटे पहले मुख्यालय के बजरिया पुलिस चौकी के पास सपा-बसपा समर्थकों के बीच हुए गोलीकांड में घायल राकेश सिंह की कानपुर में उपचार के दौरान रविवार तड़के मौत हो गई।
परिजन उसका शव लेकर कबरई पहुंच गए हैं। इसकी जानकारी मिलते ही बसपा उम्मीदवार के खेमों मे शोक की लहर है। बसपा उम्मीदवार अरिमर्दन सिंह के घर समर्थकों की भारी भीड उमड़ पड़ी है। शांति बनाए रखने को भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर मुस्तैद है।
गौरतलब है कि 23 फरवरी को मतदान से चंद घंटे पहले तड़के करीब तीन बजे सपा उम्मीदवार सिद्धगोपाल साहू का बेटा संकेत व बसपा प्रत्याशी अरिमर्दन सिंह का पुत्र हिंमांचल सिंह अपने तमाम साथियों के साथ रेलवे स्टेशन के पास जकरियापीर मुहल्ला में मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान का दबाव बनाने के लिए रुपए बांट रहे थे।
इसी दौरान दोनों गुटों का आमना-सामना हो गया। इस बीच शुरू हुई लड़ाई पुलिस में दोनों गुट ने एक-दूसरे पर गोली चलाई, जिसमें बसपा उम्मीदवार के भांजे व निर्दलीय उम्मीदवार राकेश सिंह के सिर में गोली लगी।
उधर संकेत साहू भी घायल हो गया। जब मामला चौकी बजरिया तक पहुंचा तो दोनों पदों ने एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए एक दर्जन लोगों को आरोपी बनाया था। जिसके बाद घायल राकेश व संकेत को उपचार के लिए कानपुर भेजा गया, जहां रविवार (26 फरवरी) की सुबह राकेश की मौत हो गई।
ऐसे में बसपा खेमे का आरोप है कि गोली सपा के संकेत साहू ने चलाई थी। उम्मीदवार अरिमर्दन सिंह बताते हैं कि उनके सभी असलहे तो पहले ही जमा करा लिए गए थे। घटना स्थल पर मौजूद एक आरोपी के मुताबिक संकेत ने रिवाल्वर से गोली चलाई और जब देखा कि राकेश के सिर में गोली लगी है तो जानबूझ कर क्रॉस केस बनाने के खुद के पैर में गोली मार ली।
कुल मिला कर दोनों गुटों मे भारी तनाव बरकरार है। वहीं आगे कोई हादसा होने की आशंका से पुलिस व प्रशासन भी सकते में है। एसपी गौरव सिंह ने थानाध्यक्ष कबरई को दोनों गुटों पर सतर्क निगाह रखने की हिदायत दी है। मृतक राकेश व अरिमर्दन सिंह के आवास के आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। दोनों के घरों मे उनके समर्थकों का तांता लगा हुआ है।
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