लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) का विवाद चरम पर पहुंच चुका है। शुक्रवार को जिलाध्यक्षों की बैठक में जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए तो शिवपाल ने प्रदेश अध्यक्ष छोड़ने तक की पेशकश कर दी।
शिवपाल ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री को कोई शिकायत हो तो वह प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने को तैयार हैं। उन्होंने जिलाध्यक्षों से भी पूछा कि यदि किसी को दिक्कत हो तो मैं अध्यक्ष पद छोड़ दूंगा।
बैठक के दौरान प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने एक बार फिर पार्टी के भीतर लंबे समय से चल रही रार पर सफाई दी साथ ही पांच नवम्बर को होने वाले रजत जयंती समारोह के लिए कार्यकर्ताओं को तैयारियों में जुट जाने की हिदायत दी।
सपा मुख्यालय में जिलाध्यक्षों के सम्मेलन में उन्होंने विधिवत घोषणा कर दी कि अखिलेश यादव ही अगली बार भी मुख्यमंत्री होंगे।
शिवपाल सिंह यादव ने बैठक के दौरान कहा कि पता नहीं लोग क्यों बेकार की बातें कर रहे हैं। अखिलेश यादव ही प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री भी बनेंगे। उन्होंने कहा कि मैं तो इस बात को स्टाम्प पर लिख कर देने के लिए तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि पार्टी के पास बहुमत आने पर अखिलेश यादव ही प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। लोग बेकार में इतने लंबे समय से बेकार की बहस करने के साथ ही पार्टी का भविष्य भी तय कर रहे हैं।
इसके साथ ही बैठक के दौरान शिवपाल सिंह यादव ने सभी जिलाध्यक्षों को कड़ी नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी नेता 5 नवंबर को पार्टी के रजत जयंती समारोह तथा स्थापना दिवस को भव्य तरीके से मनाने के लिए की तैयारी में जुटें।
इस मौके पर शिवपाल ने कहा कि अब किसी भी नेता को मुख्यमंत्री या फिर नेताजी को किसी भी बात के लिए परेशान करने की जरूरत नहीं है।
शिवपाल सिंह यादव ने बैठक में मौजूद सभी जिलाध्यक्षों को पार्टी के रजत जयंती कार्यक्रम को सफल बनाने के साथ ही मिशन 2017 में जोरदार तैयारी से जुटने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री आवास पर जिलाध्यक्ष तलब
सपा कार्यालय पर बैठक समाप्त होने के बाद सभी जिलाध्यक्षों को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास, 5 कालिदास मार्ग पर तलब किया गया। वहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी के साथ अलग से बैठक की। यद्यपि प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने मुख्यमंत्री को भी बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन वह पार्टी कार्यालय नहीं गये और बैठक समाप्त होने के बाद सभी जिलाध्यक्षों को अपने आवास पर बलाकर उनके साथ अलग से बैठक की।