नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी में चल रहे घमासान के बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया चैधरी अजित सिंह से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की।
शिवपाल तीन दिन से दिल्ली में हैं और विभिन्न दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। चुनाव से पहले उनकी इस पहल से उप्र में महागठबंधन की अटकलें तेज हो गयी हैं।
अजित सिंह से मुलाकात के बाद शिवपाल ने पत्रकारों को बताया कि वह पांच नवम्बर को सपा की रजत जयंती समारोह में भाग लेने के लिए रालोद मुखिया को आमंत्रण देने आए थे।
उन्होंने कहा कि पार्टी के इस कार्यक्रम में डा राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह के अनुयायियों को वह आमंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह शरद यादव और केसी त्यागी को भी आमंत्रित किए हैं।
इस मौके पर चैधरी अजित सिंह ने कहा कि शिवपाल ने मुझे रजत जयंती समारोह के लिए आमंत्रित किया है, हम उसमें शरीक होंगे।
खबर है कि शिवपाल ने कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से भी बंद कमरे में मुलाकात की। इस दौरान उप्र विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। इस बैठक में जनता दल (यू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी भी उपस्थित रहे।
सूत्रों का कहना है कि शिवपाल की प्रशान्त किशोर से मुलाकात केसी त्यागी ने ही करायी। शिवपाल ने इससे पहले त्यागी के अलावा जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव से भी मुलाकात की थी।
सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश में भाजपा को रोकने लिए सपा बिहार की तर्ज पर महागठबंधन बनाने की तैयारी में है। इसमें कांग्रेस को भी शामिल करने की योजना बन रही है।
सपा के 25 साल पूरे होने पर पार्टी के रजत जयंती कार्यक्रम में लखनऊ में सबका जमावड़ा होगा और वहीं महागठबंधन की रणनीति बनेगी।
इसी के मद्देनजर सपा मुखिया ने शिवपाल को दिल्ली भेजा है। वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और राजद मुखिया लालू यादव को भी पांच नवम्बर के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।
दरअसल परिवार की लड़ाई के चलते उत्तर प्रदेश में सपा के ग्राफ में एकाएक गिरावट आयी है। ऐसे में पार्टी महागठबंधन के जरिये प्रदेश में दोबारा सत्ता हथियाने के फिराक में है।
बिहार चुनाव के पहले भी महागठबंधन बना था लेकिन चुनाव के ऐन वक्त पर सपा ने ही गठबंधन से अपने को अलग कर लिया था। ऐसे में मुलायम की इस पहल पर अन्य दलों के नेताओं की क्या प्रतिक्रिया होगी, इसका परिणाम पांच नवम्बर को ही पता चल पाएगा।
वैसे इस चुनाव में सपा और रालोद का लगभग गठबंधन तय माना जा रहा है। दिल्ली जाने से पहले शिवपाल ने लखनऊ में कहा था कि लोहिया और चैधरी चरण सिंह के समर्थकों को एक मंच पर लाना चाहते हैं। इससे पहले चैधरी अजित सिंह ने भी दोनों दलों के गठबंधन की सम्भावनाओं की बात की थी।
इसके अलावा, सपा सूत्र बताते हैं कि जब लखनऊ में सपा परिवार का विवाद चरम पर था तो चैधरी अजित सिंह ने सपा मुखिया को फोन करके इस सम्बंध में चर्चा की थी। इसी के बाद मुलायम ने महागठबंधन की पहल शुरु की और शिवपाल को दिल्ली भेजा।