जयपुर। राजस्थान सरकार 107 करोड़ के घाटे से जूझ रही स्पिनफैड की गुलाबपुरा, भीलवाड़ा और हनुमानगढ़ की मिल्स को निजी हाथों में देने के विकल्प पर विचार कर रही है।
स्पिनफैड को लेकर बनी कैबिनेट सब कमेटी की हाल ही में हुई बैठक में इसके रिवाइवल के विकल्पों पर चर्चा की गई। बैठक में तस हुआ कि तीनों मिल्स को पीपीपी मॉडल पर निजी हाथों में देने के लिए प्रस्ताव मंगवाए जाए लेकिन शर्त होगी कि करीब 950 कम पढ़े लिखे कर्मचारियों को नौकरी में रखना होगा।
अगर कोई निजी फर्म लेने के लिए नहीं आती है तो इसकी कुछ जमीनें बेचकर घाटे की पूर्ति की जाए। स्पिनफैड को फिलहाल चालू रखने का ही तय किया है लेकिन अगर कोई पीपीपी पर इन्हें लेने को तैयार नहीं होगा और घाटे की भरपाई नहीं होगी तो ऐसी स्थिति में अगला कदम क्या होगा इस पर सब कमेटी मौन है।
कैबिनेट सब कमेटी की अगली बेठक में इस बिंदु पर चर्चा होगी। गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि स्पिनफैड की कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित रखना पहली प्राथमिकता है। सब कमेटी ने सभी पहलुओं पर विचार किया है।
पहली प्राथमिकता जैसे तैसे इन्हें चालू रखकर घाटे से उबारने की है, इन्हें पीपीपी पर देने के लिए निजी कंपनियों की तलाश की जाएगी, जमीन बेचकर घाटे से उबरने के विकल्प पर भी विचार चल रहा है। फिलहाल स्पिनफैड को चालू रखा जाएगा।