स्वस्थ को लेकर काफी खिंचाव महसूस करते है, ऐसे लोगों में एक खासियत ये भी होती है कि वो वर्तमान में जीना जानते हैं। ऐसे लोगों को देखकर बाकी लोग अक्सर सोचते हैं कि काश! वो भी उनकी तरह होते। इस तरह का आध्यात्मिक स्वास्थ्य पाने के लिए आपको कोई बहुत खास या अलग चीज नहीं करनी, बल्कि सिर्फ अपने दिल की सुननी होगी।
- खुद अपने साथ अच्छा रिश्ता:-
वो इंसान जो आपको सबसे अच्छे तरीके से समझ सकता है वो खुद आप हैं। अगर आप किसी दूसरे शख्स से उम्मीद रखते हैं कि वो आपको पूरी तरह समझ लेगा, या आपके मन की हर बात जान लेगा तो आपको जान लेना चाहिए, ये मुमकिन बात नहीं है। आपका खुद अपने साथ सबसे अच्छा रिश्ता बन सकता है। कुछ तरीके जो इस चीज में हमेशा काम करते हैं वो हैं; किसी डायरी में रोज अपनी भावनाएं लिखना, कविताएं या कहानी लिखना, पर्सनैलिटी क्विज में हिस्सा लेना और अपने बारे में सकारात्मक रूप से बात करना। अगर आप ये सब, या इनमें से कुछ करते हैं तो आप आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ होने के मार्ग पर प्रशस्त हैं। - अगर आप हैं आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ:-
जब आप किसी ऐसे शख्स से मिलते हैं जो आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ है, तो आप तुरंत उसकी तरफ खिंचाव महसूस करने लगते हैं। आप केवल उस इंसान के आसपास होने से ही अच्छा व सकारात्मक महसूस करने लगते हैं। ये लोग खुशियों और दयालुता से भरे हुए होते हैं। ऐसे लोगों में एक खासियत ये भी होती है कि वो वर्तमान में जीना जानते हैं। ऐसे लोगों को देखकर बाकी लोग अक्सर सोचते हैं कि काश! वो भी उनकी तरह होते। इस तरह का आध्यात्मिक स्वास्थ्य पाने के लिए आपको कोई बहुत खास या अलग चीज नहीं करनी, बल्कि सिर्फ अपने दिल की सुननी होगी। आइये जानते हैं कि ऐसे कौन से संकेत हैं जिनसे मालूम चलता है कि आप आध्यात्मिक स्वास्थ्य के मार्ग पर चल रहे हैं। - ईश्वर से प्रार्थना व बातें करना:-
रोज रात को सोने से पहले, कुछ मिनट का समय निकालकर यदि आप ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, उनसे बातें करते हैं तो आप आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ हैं। रात के कुछ मिनट निकालकर स्वर्ग में अपनी प्रभावशाली प्रार्थनाएं भेजना आध्यात्मिक रूप से अच्छी आदत मानी जाती है। संभव हो तो नियमित रूप से धार्मिक स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा आदि जाएं और ईश्वर के साथ करीबी संपर्क बनाने की कोशिश करें। - मेडिटेशन:-
अगर आप नियमित रूप से मेडिटेशन करते हैं, तो निश्चित रूप से आप आध्यात्मिक रूप से काफी स्वस्थ होंगे। मेडिटेशन तनाव को कम करता है और दिमाग को शांत करता है। मेडिटेशन करने से हमें खुद के बारे में सही-गलत का पता चलता है। यही आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम अपने बारे में सब जानते हों। मेडिटेशन हमारे लिए वो तरीका है जिससे हम बाहरी दुनिया की अशांति से दूर होकर अपने मन के अंदर शांति ढूंढ सकते हैं। - अधिक से अधिक पढ़ना:-
नए विषय पढ़ना, नई-नई जानकारियां हासिल करना आपके मस्तिष्क के लिए व्यायाम होता है। ये न केवल आपके मस्तिष्क को सक्रिय रखता है बल्कि आपकी समझ को भी बढ़ाता है। आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ये बेहज जरूरी है कि आप अपने दिमाग को खोल कर रखें और हर तरह की जानकारी पर विचार करें। आप जितना जानेंगे आपकी समझ उतनी गहरी होती जाएगी। - डीप ब्रीदिंग:-
आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए तनाव से दूरी जरूरी है और तनाव से दूरी में डीप ब्रीदिंग से सहायता मिलती है। भागदौड़ भरी जिंदगी में हम कई प्रकार के तनाव से गुजरते हैं। सोते-जागते, खाते-पीते हर समय दिमाग में कोई न कोई परेशानी या तनाव चलता ही रहता है। इसके चलते सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, कमर का दर्द, मोटापा और थकान जैसी समस्याएं अक्सर हो जाती हैं। ऐसे में ब्रीदिंग एक्सरसाइज की मदद से दिमागी तनाव और अन्य समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। अगर आप नियमित रूप से डीप ब्रीदिंग का अभ्यास करते हैं तो अवश्य आप आध्यात्मिक स्वास्थ के पथ पर प्रगतिशील हैं। - अपने अंदर की आवाज को सुनना:-
क्या आप अपने अंदर की आवाज को सुनते हैं? क्या आप अपने मन के कहे को मानते हैं? आपकी अंदर की आवाज आपसे क्या कह रही है क्या आप सुन पाते हैं? अगर हां, तो आप आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ इंसान है। अपने मन की आवाज सुनना ही सही फैसला है। अपने फैसले के साथ डटे रहें और ऐसा कुछ न करें जिस पर आपको पछतावा हो। जिन लोगों में आध्यात्मिक शक्ति होती है वो ही इस तरह की जिंदगी जी सकते हैं।
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