लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी शनिवार को अपना रजत जयंती मनाएगी। पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव इस समारोह के बहाने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार की तर्ज पर यहां भी महागठबंधन बनाने की फिराक में हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी विकास रथ यात्रा में युवाओं का सफल प्रदर्शन और जोश देखने के बाद पार्टी जयंती समारोह के माध्यम से सेक्यूलर दलों को एक मंच पर लाना चाहती है। सपा नेतृत्व ने इसके लिए कई दलों के राष्ट्रीय नेताओं को आमंत्रित भी किया है।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव, जदयू सांसद केसी त्यागी और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के मुखिया अजित सिंह ने समारोह में आने की स्वीकृति दे दी है।
हालांकि जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपा के रजत जयंती कार्यक्रम में शामिल होने में संदेह है। पार्टी सूत्रों की माने तो सपा मुखिया मुलायम ने स्वयं नीतीश कुमार को फोन कर समारोह में आने का अनुरोध किया लेकिन, उन्होंने किसी और कार्यक्रम में ब्यस्त होने का बहाना कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि नीतीश उत्तर प्रदेश में तभी महागठबंधन चाहते हैं जब सपा और बसपा दोनों उसमें शामिल हों। वैसे भी वह मुलायम के साथ अब गठबंधन करने से परहेज कर रहे हैं। दरअसल बिहार चुनाव के दौरान वहां भी महागठबंधन बना था, लेकिन चुनाव के ऐन वक्त पर मुलायम ने ही गठबंधन से अपने को अलग कर लिया था।
फिलहाल सपा नेतृत्व पार्टी के रजत जयंती कार्यक्रम को लेकर शुक्रवार को दिन भर तैयारियों में जुटा रहा। प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया। समारोह की कमान भी शिवपाल व उनके सिपहसालारों के हाथ में है। ऐसे में वह समारोह की सफलता में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी शुक्रवार को अपनी कैबिनेट के मंत्रियों, विधायकों और युवा कार्यकर्ताओं के साथ रजत जयंती समारोह की तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को सुरक्षा, चिकित्सा व पानी की बेहतर व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
रजत जयंती समारोह राजधानी के जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित होगा। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद समारोह के लिए सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है।
इस बीच यह भी खबर रही कि सपा नेतृत्व ने पार्टी से बर्खास्त नेताओं का जयंती समारोह में आना प्रतिबंधित कर दिया है। हांलाकि इस सम्बंध में पार्टी का कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी हुआ है।