नई दिल्ली। सिनेमाघरों में फिल्म शुरु होने से पहले राष्ट्रगान चलाने को अनिवार्य बनाने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सिनेमा घरों में सिनेमा शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाना होगा और सभी दर्शकों को राष्ट्रगान के सम्मान में अनिवार्य रूप से खड़ा होना होगा।
जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये भी निर्देश दिया कि राष्ट्रगान चलते समय सिनेमा हॉल के दरवाजों को बंद रखा जाए और राष्ट्रीय ध्वज पर्दे पर दिखाई देना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि पहले आप भारतीय हैं। दूसरे देशों में आप शर्तों को मानते हैं और भारत में कोई शर्त नहीं मानना चाहते।
कोर्ट ने कहा कि ये हर भारतीय का कर्तव्य है कि वो राष्ट्रगान के प्रति सम्मान प्रदर्शित करे। याचिका में कहा गया है कि कुछ दशक पहले तक सिनेमा के खत्म होने पर राष्ट्रगान बजाया जाता था लेकिन ये परंपरा इसलिए खत्म हो गई क्योंकि फिल्म खत्म होने के तुरंत बाद दर्शक उठकर चल देते हैं।
जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने राष्ट्रगान पर दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि उसके आदेश का पालन पूरे देश में दस दिनों के अंदर होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी आदेश दिया कि राष्ट्रगान को संक्षिप्त स्वरुप में न चलाया जाए और न ही इसमें कोई नाटकीयता हो साथ ही राष्ट्रगान को अनचाहे रूप से कहीं छापा न जाए ताकि इसके सम्मान में कोई कमी नहीं आए।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की प्रति सभी राज्यों के सचिवों को भेजने और प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पब्लिश करने की सहमति दी है।