अजमेर। पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए उनके नाम भोजन अर्पण व तर्पण किए जाने वाले श्राद्ध पक्ष आज से शुरू हो गए है। इस बार पूर्णिमा का पहला श्राद्ध अनंत चतुर्दशी के दिन रहेगा। सोमवार को एकम तिथि का श्राद्ध किया जाएगा।
पंडितों के अनुसार श्राद्ध पक्ष के इन सोलह दिनों में सभी तिथियां आ जाती हैं। कोई भी प्राणी, जो जिस तिथि को भी परलोक सिधार जाता है, इस पक्ष में उसी तिथि को उसका श्राद्ध किया जाना शास्त्राानुसार माना गया है।
प्रथम दिन अनंत चतुर्दशी को पूर्णिमा का श्राद्ध किया जाएगा। पूर्वजों को धूप दोपहर में लगेगा। 12 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या होगी।
क्यों किया जाता है श्राद्ध
होलीदड़ा के पंडित चंद्रस्वरूप शास्त्री के अनुसार पूर्वजों का ऋण एक जीवन में तो चुका पाना संभव नहीं है। इसलिए उनके संसार त्याग कर जाने के बाद हर वर्ष उनका श्राद्ध किया जाता है।
श्राद्ध में जो भी कुछ देने का हम संकल्प लेते हैं, वह सब कुछ उन पूर्वजों को मिलता है। एेसा भी कहा जाता है श्राद्ध पक्ष में हमारे पूर्वज पृथ्वी लोक पर आते हैं।