सबगुरु न्यूज उदयपुर। देश के ख्यातनाम गायकों में से एक सुरेश वाडेकर ने लोक कला माण्डल के मुक्ताकाशी रंगमंच पर सृजन द स्पार्क संस्था द्वारा आयोजित ‘एक सुकून-जश्ने परवाज’ कार्यक्रम में सुरों की ऐसी महफिल जमायी कि श्रोता मंत्रमुग्ध हो कर गायकी के उस दौर में पंहुच गये जहां आज के इस दौर में वे गाने सुनने को बहुत कम मिलते है।
वाडेकर ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत 1983 में आई फिल्म प्रेम रोग के गाने ‘अरे फिर कुछ नहीं, कुछ नहीं भाता, जब रोग ये लग जाता..’ सुनाया तो श्रोताओं ने तालियों के साथ भरपूर स्वागत किया। इसके बाद जयदेव की गजल ‘सीने में जलन, आंखों तूफान सा क्यूं है…’ को जनता का जोरदार समर्थन मिला।
सुरेश वाडेकर एवं आनन्द ने एक साथ फिल्म कोरा कागज का गीत ‘मेरा जीवन कोरा कागज कोरा ही रह गया, एक हवा का झांेका आया…’, ‘और इस दिल में क्या रखा है… उदयपुर का नाम ही रखा है…’ गा कर श्रोताओं के आनन्दित कर दिया। इस अवसर पर संगीतकार आनन्द ने फिल्म समझौता का गीत ‘बड़ी दूर से आये हैं, प्यार का तोहफा लाए हैं…’ गाकर संगीत के साथ-साथ अपनी आवाज का भी जादू बिखेरा।
इस अवसर पर गायक जावेद हुसैन ने ‘सोचता हूं कि मुझे तुझसे मोहब्बत क्यूं है…’, इमरान हुसैन ने ‘तुम जो मिल गये हो…’ को अपनी आवाज देकर सभी को मोहित कर दिया। समारोह में ख्यातनाम कवि शैलेश लोढ़ा ने भी शिरकत की।
प्रारम्भ में सृजन द स्पार्क एवं हिन्दुस्तान जिंक की ओर से संगीतकार आनन्द शाह को 1 लाख रुपए के पुरस्कार के साथ लाइफ टाइम अचीवमेन्ट अवार्ड प्रदान किया गया। इसके अलावा 6 अन्य लता मंगेशकर के मानस पुत्र मयूरेश पाई, सेम्पसन डेविड, वरिष्ठ पत्रकार ईश मधु तलवार, दिल्ली के सरोदवादक आकाशदीप तथा समाजसेवी किरणमल सावनसुखा को स्मृतिचिह्न, प्रशस्ति पत्र एवं नगद पुरस्कार के साथ सम्म्मानित किया गया।
समारोह में गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया, आवासन मण्डल के अध्यक्ष एवं नगरीय विकास मंत्री श्रीचन्द कृपलानी, महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, प्रन्यास चेयरमैन रवीन्द्र श्रीमाली, चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक प्रसन्नकुमार खमेसरा, कार्यक्रम चेयरमैन राजेश खमसेरा, गजल गायक राजकुमार रिजवी, राजकुमार केसवानी, सृजन के अध्यक्ष लोकेश चैधरी, अब्बास अली बन्दूकवाला, राजेन्द्र शर्मा, हिन्दुस्तान जिंक सीओओ अमिताभ गुप्ता, गायक अहमद हुसैन मोहम्मद हुसैन, दिनेश कटारिया, इकराम कुरैशी आदि अतिथि थे।