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भाजपा सरकार में छिन नहीं जाए सिरोही के जरूरतमंदों का हक! - Sabguru News
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भाजपा सरकार में छिन नहीं जाए सिरोही के जरूरतमंदों का हक!

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भाजपा सरकार में छिन नहीं जाए सिरोही के जरूरतमंदों का हक!
letter issued by commissioner lalsingh ranavat and dlb directer purushottam biyani
rajiv nagar in sirohi
rajiv nagar in sirohi

सबगुरु न्यूज-सिरोही। राज्य सरकार शायद सिरोही के भूमिहीन और मध्यम वर्ग के लोगों का हक छीनने में लगी है। सुराज संकल्प के दावे पूरे होने की बात तो दूर वसुंधरा राजे के राज में उनके अधिकारी सिरोही शहर में लोगों को सस्ते भूखण्ड उपलब्ध करवाने की महत्वाकांक्षी राजीव नगर आवासीय योजना पर स्वविवेक से हक छोडने के निर्देश दे दिए है। सबसे बडी बात ये कि भाजपा बोर्ड ने इसे जनता के हक मे  ही रखने के लिये एक प्रस्ताव तक लेने की जहमत नही उठाई है। इससे अब बीजेपी पार्षदो ओर सभापति की नीयत पर सवाल उठ्ने लगे है।

इस परियोजना के लिए नगर परिषद ने करोडो रुपये का कर्ज लिया था। लोगों ने लाखों रुपये लाॅटरी के लिए जमा करवाए थे, लेकिन डीएलबी के निदेशक पुरुषोत्तम बियानी ने इस जमीन पर से नगर परिषद सिरोही को अपना हक छोडने का पत्र जारी कर दिया है। पूर्व विधायक संयम लोढा ने 6 फरवरी को हुई सार्वजनिक सभा में राज्य सरकार और यह पत्र जारी करने वाले डीएलबी के निदेशक पुरुषोत्तम बियानी की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा था कि आखिर क्या हक और नीयत थी उनकी राजीव नगर योजना की जमीन पर हक छोडने का पत्र जारी करने का।
क्या है राजीव नगर आवासीय योजना
राजीव नगर आवासीय योजना करीब 20 बीघा में काटी जाने वाली एक आवासीय योजना थी, जिसे भाजपा के पूर्व सभापति विरेन्द्र मोदी ने मूर्त रूप दिया था। उनके अध्यक्ष काल में शहर के मध्यम वर्ग के लोगों को रहने के लिए सस्ते भूखण्ड उपलब्ध करवाने को लोन लेकर भूखण्ड क्रय किया था। यह भूखण्ड अनुसूचित जाति के व्यक्ति का था। यही इस मामले में सबसे बडी समस्या बना। इस प्रकरण  में बाद में विक्रय कर्ता के परिवार ने आपत्ति दर्ज करवा दी कि यह जमीन अनुसूचित जाति की है, जिससे इसे कोई खरीद नहीं सकता है।

अब यह जमीन शहर के बिल्कुल मध्य मे आ चुकी है और बेशकीमती हो गई है ऐसे में इस भूखण्ड पर शहर के एक प्रमुख काॅलोनाइजर की नजर है। सूत्रो के अनुसार इस काॅलोनाइजर ने राजीव नगर की भूमि को खरीद का एग्रीमेंट भी कर लिया है और अब इस भूमि को नगर परिषद के कब्जे से मुक्त करवाने के लिए येनकेन प्रकारेण प्रयास कर रहा है। डीएलबी से पत्र जारी करने के पीछे भी इसी का हाथ बताया जा रहा है।
आंच कई पार्षदों पर
राजीव नगर आवासीय योजना की जमीन पर से नगर पालिका का अधिग्रहण छोडने का प्रयास लम्बे अर्से से चल रहा है। इसे लेकर पूर्व सभापति जयश्री राठौड ने राजस्थान हाई कोर्ट नगर परिषद सिरोही की ओर से दायर किए गए मामले को विड्राॅ करने के लिए एक पत्र भी जारी कर दिया था। इधर, जब आयुक्त लालसिंह राणावत आए तो उन्होंने जुलाई, 2015 में इस जमीन से अपना हक छोडने का पत्र डीएलबी निदेशक को लिखा।  इस पत्र के आधार पर डीएलबी निदेशक पुरुषोत्तम बियानी ने अक्टूबर, 2015 को नगर परिषद को नगर परिषद के स्वविवेक से पूर्व मालिक तेजाराम के पक्ष में हक छोडने का पत्र जारी कर दिया।

इसमें यह हवाला दिया गया कि प्रशासनिक समिति ने इसका निर्णय ले लिया है कि इस जमीन से नगर परिषद का स्वविवेक से हक छोडा जाए। पूर्व गठित प्रशासनिक समिति में पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुरेश सगरवंशी, भगवती व्यास, जितेन्द्र ऐरन, प्रकाश प्रजापत, मोहन मेघवाल सदस्य थे तो सभापति जयश्री राठौड इसकी अध्यक्ष थी और जिस बैठक में राजीव नगर योजना का हक छोडने का निर्णय होने का हवाला दिया जा रहा है उसकी आरीजनल प्रोसिडिंग सामने ही नहीं आई।

इसीलिए मीडिया में राजीव गांधी योजना पर प्रशासनिक समिति में हक छोडने का निर्णय किए जाने की बात सामने आई तो तत्कालीन आयुक्त को समिति सदस्य सुरेश सगरवंशी, ईश्वरसिंह डाबी आदि ने यह एफीडेविट दिया कि उन लोगों ने राजीव गांधी योजना का हक छोडने का कोई भी निर्णय प्रशासनिक समिति में नहीं लिया। यदि ऐसा कोई दस्तावेज आया है तो वह झूठ है। इसी के आधार पर राजीव गांधी आवासीय योजना के संदर्भ में तत्कालीन आयुक्त काूलराम खौड ने राजस्थान हाईकोर्ट में यह एफीडेविड दाखिल किया कि प्रशासनिक समिति में राजीव नगर आवासीय योजना पर नगर परिषद का हक छोडने का कोई निर्णय नहीं किया गया है और न ही इसका केस विड्राॅ करने की कोई बात हुई।

letter issued by commissioner lalsingh ranavat and dlb directer purushottam biyani
letter issued by commissioner lalsingh ranavat and dlb directer purushottam biyani

भाजपा राज में वो हुआ जो कभी नहीं हुआ

जैसे ही नगर परिषद सिरोही, राजस्थान और केन्द्र में भाजपा काबिज हुई सिरोही में भ्रष्टाचार को सबसे बडी अनियमितता हो गई। सिरोही सभापति ताराराम माली की नाक के नीचे नगर परिषद आयुक्त लालसिंह राणावत ने राज्य सरकार को राजीव नगर की जमीन पर से अपना हक छोडने का पत्र जारी कर दिया। डीएलबी निदेशक ने भी इस पर से अपना हक छोडने की अनुमति दे दी। यह प्रकरण सभापति, प्रभारी मंत्री और सांसद देवजी पटेल के संज्ञान में आने के बाद भी ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की कोई कार्रवाई नहीं हुई। सांसद की जनसुनवाई में यह मामला उठा था।

affidavite presented in high court by kaluram khod
affidavite presented in high court by kaluram khod

उखाड फेके थे नगर परिषद के बोर्ड
सांसद की जनसुनवाइ्र के बाद हाल ही में नगर परिषद ने राजीव नगर की भूमि पर नगर परिषद की संपत्ति होने को बोर्ड लगाया था। इस बोर्ड को अज्ञात लोगों ने उखाड फेंका। इसे लेकर काफी बवाल भी मचा। इसके लिए आयुक्त ने पुलिस में फर्द भी भेजने की बात कही थी।
इनका कहना है….
राजीव नगर आवासीय योजना पर से नगर परिषद का हक छोडने का कोई भी निर्णय प्रशासनिक समिति ने नहीं किया था। ऐसी जानकारी जब हमारे सामने आई थी तो हमने उपखण्ड अधिकारी के समक्ष इसके लिए एफीडेविट भी दिया था। जगदीश सैन ने इसके लिए एफआईआर भी दर्ज करवाई थी।
सुरेश सगरवंशी
पूर्व नेता प्रतिपक्ष, नगर परिषद सिरोही।
इस जमीन पर हक छोडने का पत्र राज्य सरकार की ओर से जारी करना सिरोही वासियों के साथ अन्याय है। इसमें प्रभारी मंत्री की चुप्पी भी विस्मयकारी है। इस संबंध में शीघ्र ही राज्य सरकार से चर्चा करुंगा।
संयम लोढा
पूर्व विधायक, सिरोही।