देहरादून। देहरादून में रिस्पना चौक पर तीन दिन पहले लगवाई गई शक्तिमान की मूर्ति मंगलवार सुबह चार बजे हटा दी गई।
मूर्ति को हटाने के संकेत सोमवार को उसी समय मिल गए थे जब मुख्यमंत्री ने पुलिस लाइन में शक्तिमान पार्क का उद्घाटन करने से मना कर दिया था। शक्तिमान की मूर्ति लगाए जाने के बाद रिस्पना चौक का नाम शक्तिमान चौक कर दिया गया था।
रिस्पना चौक पर शक्तिमान की मूर्ति लगाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि 2013 की केदारनाथ आपदा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज तक मूर्ति नही लगवाई गई है जबकि राजनीतिक फायदे के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शक्तिमान घोड़े की प्रतिमा लगाने में देर नहीं की। फेसबुक और ट्वीटर पर लोगों ने काफी तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
14 मार्च को विधानसभा के सामने भाजपा के प्रदर्शन के दौरान उत्तराखंड पुलिस के घोड़े शक्तिमान का पैर टूट गया था। भाजपा विधायक गणेश जोशी पर घोड़े की टांग तोड़ने का आरोप लगा और 18 मार्च की तड़के इस आरोप में जोशी को गिरफ्तार भी किया गया था।
पंतनगर और पूना के डॉक्टरों ने शक्तिमान के पैर का ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के बाद शक्तिमान को कृत्रिम टांग लगाई गई। अमेरिका से भी शक्तिमान के लिए कृत्रिम पैर मंगाया गया। एक ऑपरेशन के लिए जब घोड़े को बेहोश किया गया तो 20 अप्रैल को उसकी मौत हो गई थी।