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untold story : धमतरी जिले का ऐसा गांव जहां पानी के लिए है सख्त नियम - Sabguru News
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untold story : धमतरी जिले का ऐसा गांव जहां पानी के लिए है सख्त नियम

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untold story : धमतरी जिले का ऐसा गांव जहां पानी के लिए है सख्त नियम
strict rules for water in a village of Dhamtari district
strict rules for water in a village of Dhamtari district
strict rules for water in a village of Dhamtari district

धमतरी। धमतरी जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में पानी की समस्या विकराल रुप लेती जा रही है। ज्यादा पानी मिलना तो दूर थोड़ा पानी ही मिल जाए वही बहुत है। इस पानी को पाने के लिए भी ग्रामीणों को सख्त नियमों से गुजरना पड़ता है।

नियम का उलंघन करने वालों पर जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। गांव में यह नियम इसलिए बनाया गया है कि सबको बराबर पानी मिल जाए। शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर ग्राम मोहलई में यह समस्या है।

ग्रामीण महिला प्रागा बाई, अनीता यादव, तुलेश्वरी यादव, फुलेश्वरी मरकाम नीरजा ध्रुव, अंबालिका, पत्रिका बाई ने बताया कि गांव में करीब सौ परिवार गुजारा कर रहा है। गांव के किसी घर में नल कनेक्शन नहीं है। पूरा गांव सिर्फ दो मोटर पंप के भरोसे टिका हुआ है।

मोटरपंप भी ऐसा है कि उसकी पानी की धार बिलकुल पतली रहती है। जबकी एक पंप तो समय समय पर ठीक ठाक पानी भी नही देता, नतीजा सामने आता है कि एक मोटर पंप के पास ही पानी के लिए पूरा गांव जमा हो जाता और विवाद की स्थिति रोजाना बनती थी।

रोज के विवाद को देखते हुए गांव में कड़ा नियम बनाया गया कि एक बर्तन में एक व्यक्ति को सिर्फ एक बार ही पानी मिलेगा। दूसरे बर्तन में पानी चाहिए तो उसे लंबी लाईन लगानी होगी। इसके अलावा गांव के एक व्यक्ति को मोटरपंप चालू करने नियुक्त किया गया है। वही मोटर पंप को चालू और बंद करेगा। कोई दूसरा व्यक्ति मोटर को चालू किया तो उसे पांच सौ रुपए जुर्माना पटाना होगा।

गांव के हर घर को पानी के लिए प्रतिमाह 30 रुपए भरना पड़ता है। गांव में पानी की कमी लंबे समय से है, फिर आसपास भी पानी का कोई सहारा नहीं है। गर्मी में यह समस्या और हावी हो जाती है। मोटर पंप भी जब तक साथ दे रहा तो ठीक है, यदि वह खराब हो जाए तो गांव के लोगों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है, लंबी दूरी तय कर किसी गोदाम, मिल, अथवा कहीं और से जाकर पानी लाना पड़ता है।

ग्राम पंचायत में कई बार पानी की समस्या की बात ग्रामीण रख चुके हैं। बल्कि कलेक्टर से भी गुहार लगाई जा चुकी है। इसके बाद भी गांव में पानी के पर्याप्त साधन के लिए कोई विशेष पहल नहीं की गई। ग्रामीण जैसे तैसे अपने जीवन की गाड़ी खींच रहे हैं। जनप्रतिनिधियों के साथ शासन प्रशासन यदि ग्रामीणों की समस्या का समाधान कर दे तो ग्रामीणों का भला हो जाएगा। यह मांग की जा रही है।

जमीन सूखी, खेती भी नही होती

गांव के बुजुर्ग लोग बताते हैं कि गांव चट्टानी और मैदानी इलाकों से घिरा हुआ है। जहां अंदर तक जमीन सूखी हुई है। यही वजह है कि यहां पर खेती कर पाना भी मुश्किल होता है। अच्छी बारिश हो जाए तो खेती होती है। अन्यथा किसानो को सिर्फ नुकसान ही सहना पड़ता है।

यहां खेती करना किसी रिस्क से कम नहीं। यहां पर जमीन सूखी होने की वजह से बोर खनन में भी तकलीफ आती है। बोर के बाद पानी मिल जाए तो वह कुदरत का करिश्मा ही माना जाता है। वैसे इलाके में बहुत कम बोर सक्सेस हुए है।

दो समय होता है मोटर चालू

महिलाओ ने बताया कि गांव में सिर्फ दो टाईम मोटर चालू किया जाता है। सुबह 6 बजे से 9 बजे तक और शाम 5 बजे से 6 बजे, इतने देर में गांव के सभी लोगों को पर्याप्त पानी मिलना मुुश्किल रहता है। फिर नियम भी कड़े हैं, जिसके डर से कोई पानी के लिए विरोध भी नहीं कर पाता, जितना पानी मिलता है। उतने में ही काम चलाना पड़ता है।

भेदभाव का शिकार है गांव

महिलाओं ने कहा कि उनका गांव सियादेही का आश्रित ग्राम है। जिसमें मोहलई के साथ लसुनवाही पथर्रीडीह भी आता है। दो गांव के साथ भेदभाव भी किया जा रहा, जबकी लसुनवाही में हर घर पानी के लिए कनेक्शन है। मगर इन गांवों में कनेक्शन नहीं दिया जाता जबकी मांग कई बार की जा चुकी है। फिर भी ध्यान नहीं दिया जाता। गांव के लोग नल कनेक्शन के लिए हर माह 50 रुपए भी देने तैयार है।