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जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय के 26 अगस्त को होने वाले छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी और एनएसयूआई के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बागी छात्र नेताओं के सुर तेज हो गए हैं।
विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनावों का समीकरण बागियों के चलते अब बिगड़ता दिखाई दे रहा है। एनएसयूआई में सतवीर चौधरी को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनने से खफा होकर अजय कस्वां ने निर्दलीय चुनाव लडऩे की बात कहीं है।
कस्वां के चुनावी मैदान में आने से अध्यक्ष पद पर मुकाबला त्रिकोणीय हो होगा। एनएसयूआई के बागियों का खामियाजा संगठन के प्रत्याशियों को भुगतना पड़ सकता है। वैसे तो दोनों ही संगठनों के बीच मुकाबले की टक्कर होगी, लेकिन चुनावी परिणाम पर सबसे ज्यादा असर बागियों का रहेगा।
एबीवीपी की ओर से फिलहाल कोई भी बागी सामने नहीं आए है, लेकिन अभिषेक मीणा एबीवीपी से टिकिट नहीं मिलने के कारण बगावत करते हुए एनएसयूआई में पहुंच गए हैं और एनएसयूआई ने उन्हे विश्वविद्यालय के एपेक्स महासचिव का टिकिट दिया है।
इसके अलावा अन्य छात्र संगठन से जुड़े छात्र नेता भी चुनावी मैदान में भाग्य आजमाएंगे। जिसका खामियाजा दोनों बड़े संगठनों को उठाना पड़ सकता है।