कोटा/जयपुर। कोटा में एक निजी कोचिंग संस्थान से संबंधित छात्रों की लगातार बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों में राज्य सरकार कोचिंग संस्थानों पर सख्ती करने का मानस बना चुकी है।
बेहतर रिजल्ट के लिए मानसिक दबाव बनाकर पढ़ाने वाले कोचिंग संस्थानों के नियम कायदे तय होने के साथ छात्रों का समय-समय पर शारारिक परीक्षण भी होगा ताकि आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाएं रोकी जा सके।
गौरतलब है कि गत कुछ माह से कोटा के कॉचिंग सेंटर में छात्रों के आत्महत्या का मामले सामने आए हैं। इसमें परिजनों ने कोचिंग संस्थानों वालों पर जबरन मानसिक दवाब बनाकर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले थाने में दर्ज करवाए हैं।
पहले जहां इस संबंध में पूरे मामले को सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया है वहीं अब इस संबंध में जिला कलेक्टर कोटा की रिपोर्ट के आधार पर मुख्य सचिव नए दिशा-निर्देश जारी कर सकते है। इसके बाद कॉचिंग संस्थानों के लिए मानक और नियम तय होंगे। इनके आधार पर ही छात्रों से पढ़ाई कराई जा सकेगी।
सूत्रों की माने तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में छात्रों का समय-समय पर मानसिक व शारीरिक परीक्षण, कोचिंग संस्थानों की जगहों पर शैक्षाणिक परिवेश, नियमों की लिखित सूची सहित संस्थानों का यह बताना होगा कि उनके यहां पढ़ रहे छात्रों का रिजल्ट सुधारने के लिए किस तरह के उपायों को अपनाया जा रहा है। किसी तरह के कॉल सेंटर की शुरूआत भी हो सकती है।