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हिंद महासागर में पनडु​​ब्बियों की तैनाती भारत के लिए खतरा नहीं : चीन - Sabguru News
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हिंद महासागर में पनडु​​ब्बियों की तैनाती भारत के लिए खतरा नहीं : चीन

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हिंद महासागर में पनडु​​ब्बियों की तैनाती भारत के लिए खतरा नहीं : चीन
submarine deployment in the Indian Ocean no threat to India : PLA
submarine deployment in the Indian Ocean no threat to India : PLA
submarine deployment in the Indian Ocean no threat to India : PLA

शंघाई। हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों की तैनाती पर भारत की चिंताओं को देखते हुए पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अधिकारी वेई शियानदोंग ने  कहा कि ये पोत दस्युरोधी अभियानों का हिस्सा हैं। इससे भारत को कोई खतरा नहीं है क्योंकि चीन की रक्षा नीति की प्रकृति रक्षात्मक है।

शंघाई नेवल गैरीसन के चीफ ऑफ स्टाफ वेई शियानदोंग ने कहा कि दस्युरोधी अभियानों में पनडुब्बियां भाग ले रही हैं और ऐसे अभियानों में अलग अलग पोतों की अलग अलग भूमिका होती है । उन्होंने कहा कि भविष्य में चीन तथा भारत की नौसेनाएं सहयोग एवं यात्रा को विस्तार देंगी, नौवहन खोज एवं बचाव अभियानों को अंजाम देंगी तथा दोनों देशों के बीच अधिक करीबी रिश्ते बताएंगी।

भारत को घेरने संबंधी ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल’ परिकल्पना को तवज्जो न देते हुए शियानदोंग ने कहा कि चिंता वाली कोई बात नहीं होना चाहिए क्योंकि चीन की रक्षा नीति की प्रकृति रक्षात्मक है।  हम सिर्फ दूसरे क्षेत्र या देश को धमकाने के लिए बड़ी शक्ति की भूमिका नहीं निभाना चाहते।

‘द स्ट्रिंग ऑफ पर्ल’ हिंद महासागर क्षेत्र में संभावित चीनी इरादों से संबंधित एक भू-राजनीतिक परिकल्पना है जो पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव और सोमालिया में रणनीतिक नौवहन केंद्रों के आसपास संचार की इसकी समुद्री लाइनों से लगे चीनी नौसेना एवं वाणिज्यिक सुविधाओं के नेटवर्क का संदर्भ देती है।

उल्लेखनीय है कि  पीपल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा प्रकाशित एक श्वेत पत्र हाल ही में जारी किया गया जिसकी पृष्ठभूमि में पीएलए नौसेना की हिंद महासागर में बढ़ती उपस्थिति खुले समुद्री भाग में पहली बार इसकी नौसेना के दायित्व विस्तार की नयी सैन्य रणनीति को रेखांकित करती है। पिछले साल कोलंबो में और हाल ही में कराची में चीनी पनडुब्बियों की उपस्थिति से भी भारत की चिंताएं बढ़ गईं।

चीन पाकिस्तान के संबंधों में वृद्धि और भारत पर इसके प्रभाव के बारे पूछने पर शियानदोंग ने कहा कि चीन -भारत संबंध भी आगे बढ़ेंगे इसलिए कोई चिंता नहीं होनी चाहिए। भारतीय प्रधानमंत्री की इस साल हुई यात्रा के दौरान चीन और भारत ने एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए तथा भविष्य में दोनों नौसेनाओं का और करीबी समन्वय दिखाई देगा।

उन्होंने कहा कि वह चाहेंगे कि भारतीय पोत भी पीएलए नौसेना के साथ अभ्यास करें। दक्षिणी चीन सागर में चीन की द्वीप दावा परियोजनाओं पर अमेरिका की आपत्तियों को खारिज करते हुए उन्होंने तर्क दिया कि द्वीपसमूह पर उनके देश का वैध अधिकार है।

शियानदोंग ने कहा कि अमेरिकी उप मंत्री ने जो कहा, वह उनकी राय थी लेकिन जहां तक चीन का सवाल है तो हम अपनी दिशा में, अपने द्वीप में निर्माण कर रहे हैं और यह हमारे लिए सही है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि उनका देश इस क्षेत्र की सुरक्षा बनाए रख सकता है और वहां खोज अभियान चला सकता है।