नई दिल्ली। भाजपा नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। पत्र में स्वामी ने उच्चतम न्यायालय में चल रही इस मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन करवाने के किए कदम उठाने की मांग की है। साथ ही कांग्रेस को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों के बीच मंदिर निर्माण को लेकर आम सहमति बनाने की भी अपील की है।
विश्व हिन्दू परिषद के अनुसंधान संगठन अरुंधति वशिष्ठ अनुसन्धान पीठ (एवीएपी) द्वारा डीयू में आयोजित किए गए दो दिवसीय सम्मेलन के बाद मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में स्वामी ने ऐलान किया कि इस साल के अंत तक अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य प्रारम्भ हो जाएगा।
इस बाबत उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि केंद्र सरकार पहल करते हुए विभिन्न पक्षों द्वारा दायर सिविल अपील को शीघ्र सूचीबद्ध करने और सर्वोच्च न्यायालय में दिन-प्रतिदिन की सुनवाई आगामी 15 मार्च तक प्रारम्भ करे। ताकि जल्द से जल्द फैसला आ सके और इस साल के अंत तक निर्माण कार्य शुरू हो पाए।
उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मामले में दिन-प्रतिदिन की सुनवाई का पक्ष लिया है। स्वामी ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण मोदी सरकार की प्राथमिकता है। उन्हें भाजपा और केंद्र सरकार से पूर्ण समर्थन हासिल है इसलिए उन्हें भरोसा है कि वह यह अभियान कानूनी रूप से सफलापूर्वक चला पाएंगे।
स्वामी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान मंदिर निर्माण से जुड़े तथ्यों पर कानूनी रूप से बहस की जाएगी। इसमें सभी पक्षों का मत रखा जाएगा और आम-सहमति बनाई जाएगी। इसके लिए वह सभी मुस्लिम समुदायों और राजनीतिक दलों से विचार-विर्मश करने के लिए तैयार है।
इस संबंध में वह सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से जल्द ही मुलाकात करेंगे और उनसे मंदिर निर्माण को लेकर बातचीत करेंगे। स्वामी ने उम्मीद जताई की मुलायम सिंह के भीतर का हिन्दुत्व जग जाएगा और वह हमारा समर्थन करेंगे। स्वामी ने कहा कि मुलायम सिंह उनके 30 साल पुराने मित्र है और एक हनुमान भक्त भी है लेकिन वोट बेंक की राजनीति के चलते वह मंदिर निर्माण का विरोध करते रहे हैं।
कांग्रेस से किसी भी प्रकार की बातचीत पर इंकार करते हुए स्वामी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का कोई भरोसा नहीं है। वह विश्वसनीय नहीं हैं। हालांकि कांग्रेस में कई राष्ट्रवादि नेता है और अगर वह हमारा सहयोग करते हैं तो हम उन्हें अपने साथ लेकर चलेंगे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय से ज्यादा मंदिर विवाद को बढ़ाने में तथाकथित सेक्युलरों की भूमिका रही है।
स्वामी ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर वह पूरे देश में सम्मेलन करने जा रहे हैं। अगला सम्मेलन वह दिल्ली के जेएनयू में करने जा रहे हैं। मंदिर निर्माण की प्रकिया पर बोलते हुए स्वामी ने कहा कि कई कारणों से मस्जिद को एक जगह से दूसके जगह पर विस्थापित किया जा सकता है। सऊदी अरब एवं तुर्क जैसे देशों में ऐसा किया गया है। अगर मुस्लमान राम जन्म भूमि पर मंदिर बनाने को तैयार हो जाते है तो हम उनके मस्जिद को विस्थापित करने और उसका निर्माण करने में उनकी की मदद करेंगे।