नई दिल्ली। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार से पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज कराने की मांग की है। इस सम्बन्ध में भाजपा नेता स्वामी ने गुरुवार सुबह एक ट्वीट भी किया।
भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने एक विवादित बयान देकर, संसद पर हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु को फांसी की सजा पर सवाल खड़ा किया है।
अफजल को फांसी दिए जाने के बाद तीन साल बाद कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा है कि न्यायालय में अफजल गुरु पर फैसला ठीक ढंग से नहीं किया गया और संसद हमले में उसकी भूमिका को लेकर गहरा संशय है।
भाजपा नेता स्वामी के मुताबिक चिदंबरम ने यह बयान देश में एक नए विवाद को पैदा करने के लिए रणनीतिक रूप से दिया है, जिसका मकसद देश में तनाव फैलाना है। यही वजह है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि केंद्र सरकार आईपीसी की धारा 124्र के तहत चिदंबरम के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने के निर्देश दिल्ली पुलिस का दे।
एक प्रश्न के जवाब में भाजपा नेता स्वामी ने कहा कि उन्होंने जेएनयू में जारी भारत विरोधी गतिविधियों के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की आशंका जताई थी और वह आशंका सही साबित हुई है।
देशद्रोह के आरोप में पकड़े गए छात्रों से हुई पूछताछ में सुरक्षा एजेंसियों को जो तथ्य मिल रहे हैं, उससे उमर और दूसरे छात्रों के पाकिस्तानी सम्पर्को का खुलासा हुआ है साथ ही यह सच भी सामने आ रहा है कि छात्रों के माध्यम से आईएसआई एक साजिश के तहत देश में भारतविरोधी गतिविधियों को फैलाने की कोशिश कर रही है।
जानकारी हो कि एक समाचारपत्र को दिए साक्षात्कार में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने आतंकी अफजल गुरु को दी गयी फांसी की सजा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अफजल गुरू केस में शायद सही ढंग से फैसला नहीं किया गया। इस बात को लेकर गहरा शक है कि अफजल 2001 के पार्लियामेंट अटैक में किस हद तक शामिल था।
कांग्रेस नेता चिदंबरम यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2008 से 2012 तक देश के गृह मंत्री थे। आतंकी साजिश में शामिल अफजल गुरु को 2013 में फांसी दी गई थी और उस दौरान देश के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे थे।