नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय की पैरोल 28 नवंबर तक बढ़ा दी है। न्यायालय ने कहा है कि इस अवधि तक कंपनी 200 करोड़ रुपये जमा कराएं।
रोडमैप में सहारा ने कहा है कि 7,700 करोड़ रुपये मूलधन बकाया है। वो जनवरी से शुरु कर 24 महीने में इसे वापस कर देंगे।
वहीं, सेबी के मुताबिक सहारा को मूलधन के रूप में 25781.32 करोड़ चुकाना है, जिसमें 13,333.80 करोड़ रुपये चुकाया जा चुका है। अब 17 अक्तूबर तक 12447.52 करोड रुपये बकाया है।
इससे पहले सहारा समूह ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि वह शीर्ष अदालत के पूर्व के आदेश के अनुरूप भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास 200 करोड़ रुपये जमा कराएगा। इसके साथ ही समूह ने मामले में सुनवाई की तारीख पहले करने की अपील की।
सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति ए आर दवे तथा न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर की पीठ से कहा कि 200 करोड़ रुपये की राशि 24 अक्तूबर तक जमा करानी थी, लेकिन इसे कल जमा करा दिया जाएगा। इस पर पीठ ने कहा, ‘हमें यह जानकर खुशी होगी’। सिब्बल के साथ अधिवक्ता केशव मोहन भी सहारा समूह की पैरवी के लिए मौजूद थे। सिब्बल ने पीठ से अपील की कि इस मामले की सुनवाई 24 अक्तूबर के बजाय कल की जाए। 24 अक्तूबर की तारीख पीठ पहले तय कर चुकी है। इस पर पीठ ने कहा कि हम इस आग्रह को मुख्य न्यायाधीश तक पहुंचाएंगे।
सेबी-सहारा विवाद की सुनवाई तीन जजों मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति दवे और न्यायमूर्ति ए के सीकरी की पीठ कर रही है। अदालत ने इससे पहले 28 सितंबर को सहारा को 24 अक्तूबर तक 200 करोड़ रुपये और जमा कराने का निर्देश देते हुए राय और दो अन्य निदेशकों को पैरोल पर रिहा करने के अंतरिम आदेश को बढ़ा दिया था’।