फलों में आम को राज कहा जाता है। लेकिन वहीं स्वाद में खट्टा-मीठा अंगूर से भी कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है। अंगूर को न तो छिलका उतारने का झंझट और न ही बीज का निकालने का। अंगूर एक बलवर्धक एवं सौन्दर्यवर्धक फल है। अंगूर फलों में सर्वोत्तम माना जाता है। यह निर्बल-सबल, स्वस्थ-अस्वस्थ आदि सभी के लिए समान उपयोगी होता है। पका हुआ अंगूर तासरी में ठंडा, मीठा और दस्तावर होता है।
आप अगर एनीमिया की शिकार है तो अंगूर से बढकर और कोई दवा नहीं है। इसलिए अंगूर खाना शुरू कर दें और एनीमिया से निजात पाएं।
अंगूर की सीमित मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, मैगनीशियम, सोडियम फाइबर विटामिन ए, सी, ई और के, कैल्शियम, कॉपर, जिंक और आयरन भी मिलता है।
शरीर के किसी भी भाग से रक्तस्त्राव होने पर अंगूर के एक ग्लास जूस में दो चम्मच शहद घोलकर पिलाने पर रक्त की कमी पूरी हो जाती है।
अंगूर में एंटी कैंसर की विशेषता पाई जाती है जिससे कैंसर को इीक रकने में मदद मिलती है। हार्ट-अटैक से बचने के लिए काले अंगूर का रस एस्प्रिन की गोली के समान है।
पोटेशियम की कमी से दांत हिलने लगते हैं और बाल बहुत टूटते हैं, त्वचा ढीली व निस्तेज हो जाती है, जोडों में दर्द व शरीर में जगडन होने लगती है। इन सभी रोगों को अंगूर दूर रखता है।