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Suicide attack on an army camp in Uri, 17 soldiers killed, 19 injured
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उरी में सेना शिविर पर फ़िदायीन हमला, 17 जवान शहीद

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उरी में सेना शिविर पर फ़िदायीन हमला, 17 जवान शहीद
Suicide attack on an army camp in Uri, 17 soldiers killed, 19 injured
Suicide attack on an army camp in Uri, 17 soldiers killed, 19 injured
Suicide attack on an army camp in Uri, 17 soldiers killed, 19 injured

नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में हुई सबसे भयंकर आतंकवादी घटना में रविवार प्रातः घाटी के सीमावर्ती क्षेत्र उरी में सेना के शिविर पर फ़िदायीन हमले में भारतीय सेना के 17 जवान शहीद हो गए और 18 घायल हो गए।

हमला करने वाले चार फ़िदायीन सेना के साथ मुठभेड़ में मारे गए। सेना ने कहा कि हमला करने वाले चारों आतंकी जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) आतंकी गुट के सदस्य थे। उनके पास से पाकिस्तान में निर्मित हथियार मिले हैं।

सूत्रों ने बताया कि यह घटना तडके 03:30 बजे उस समय हुई जब सेना के जवानों की ड्यूटी में अदला-बदली हो रही थी। उसी समय अंधेरे का फायदा उठाकर आतंकियों ने आर्मी ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया।

आतंकी झेलम के रास्ते पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के सलामाबाद नाले से आये और तार काटकर कैंपस में घुसे। आतंकियों की संख्या चार से पांच थी। वह दो हिस्सों में बंट गए। आतंकियों के एक गुट ने सबसे पहले कैम्प के अंदर हथगोले फेंके और दूसरा गुट आर्मी बेस के एडमिनिस्ट्रेटिव बैरेक में घुस गया।

वहां उन्होंने फायरिंग की और हथगोले फेंके। आतंकियों ने उन टेंटों को निशाना बनाया जहां डोगरा रेजीमेंट के जवान ड्यूटी खत्म कर सो रहे थे। आतंकी लगातार हथगोले फेंकते रहे जिससे कम से कम 10 टेंटों में आग लग गई।

हमले के बाद बेस के अंदर हेलिकॉप्टर के जरिए पैराकमांडो उतारे गए। इन कमांडो ने हमले के 6 घंटे के अंदर चार आतंकियों को मार गिराया। कश्मीर में 1990 के बाद यह सबसे बड़ा हमला था। जनवरी में पठानकोट वायु सेना हवाई अड्डे पर हमला हुआ था जिसमें 10 जवान शहीद हुए थे।

इस हमले से पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई है और अधिकांश लोगों और रक्षा विशेषज्ञों ने पाकिस्तान के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है। रक्षा विशेषज्ञों ने इसे खुफिया विभाग की विफलता बताया है।

राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत इन हमलों के आगे किसी कीमत पर नहीं झुकेगा तथा आतंकवादियों और उनके समर्थकों के नापाक मंसूबों को सफल नहीं होने देगा।

राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा कि उरी सेक्टर के सेना आधार शिविर पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि। हमले में शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है और जो घायल है उनके जल्द से जल्द स्वस्थ्य होने की कामना करता हूं।

उन्होंने कहा कि भारत इन आतंकी हमलों के आगे किसी कीमत पर नहीं झुकेगा तथा आतंकवादियों और उनके समर्थकों के नापाक मनसूबों को सफल नहीं होने देगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जम्मू कश्मीर के उरी में सेना के बेस कैंप पर हमले के पीछे जो भी लोग हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि हम उरी में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले की तीखी निंदा करते हैं। इस घृणित हमले के पीछे जो लोग भी हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने रक्षामंत्री और गृहमंत्री से हालात के बारे में बात की है।

रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर हालात का जायजा लेने स्वयं उरी गए हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक उच्च स्तरीय आपातकालीन बैठक बुलाकर राज्य में स्थिति की समीक्षा की। बैठक के बाद गृहमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और एक आतंकवादी देश के रूप में उसकी पहचान करके उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अलग-थलग किया जाना चाहिए।

गृहमंत्री ने अपनी विदेश यात्रा भी स्थगित कर दी। वह रूस और अमेरिका के दौरे पर जाने वाले थे। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव राजीव महर्षि, खुफिया एजेंसी (आईबी) के अध्यक्ष, केंद्रीय सुरक्षा बल के अध्यक्ष और गृह और रक्षा मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

गृहमंत्री ने कहा कि इस बात के निश्चित और निर्णायक संकेत मिले हैं कि उरी हमलावरों को उच्च प्रशिक्षण मिला था और वे आधुनिक हथियारों से लैस थे।

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी जो इस समय वेनेज़ुएला में गुट निरपेक्ष देशों के शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, ने विश्व समुदाय से दो टूक शब्दों में आतंकवाद के विरुध्द कड़े क़दम उठाने के लिए कहा और आतंकवाद को मानवता के विरुध्द सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने गुट निरपेक्ष देशों से आतंकवाद के विरुध्द एक तंत्र बनाने और निर्णायक कार्यवाही की अपील की।

पूर्व गृह सचिव आर के सिंह ने कहा कि यदि कोई इस हमले को आतंकी हमला कहता है तो वह अपने आप को ग़लतफ़हमी में रखता है। उन्होंने कहा कि ऐसे हमलों से निपटने का एक ही तरीक़ा है और वह है कड़ा जवाब।

उन्होंने कहा कि ऐसे हमले में आतंकवादी गुट तो केवल एक मुखौटा हैं। ऐसे हमलों में पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मुख्य भूमिका रहती है।

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