नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की याचिका पर बुधवार को फोरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सीकोलॉजी विभाग सुधीर कुमार गुप्ता को नोटिस जारी किया।
अपनी याचिका में एम्स ने गुप्ता की जगह डी.एन भारद्वाज को विभाग का प्रमुख नियुक्त करने की अनुमतिमांगी है।
पूर्व में गुप्ता ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि उन पर एम्स के शीर्ष अधिकारियों ने सुनंदा पुष्कर की मौत को ‘स्वाभाविक’ बताने के लिए दबाव डाला था।
न्यायाधीश जी.एस. सिस्तानी और संगीता ढींगरा सहगल की युगल पीठ ने विभाग के मौजूदा प्रमुख सुधीर कुमार से 23 जुलाई तक जवाब मांगा है। एम्स ने गुप्ता पर आरोप लगाया है कि उन्होंने आधारहीन आरोप लगाकर संस्थान की छवि खराब करने का प्रयास किया है।
उधर भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस मामले में एक हस्तक्षेप याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि गुप्ता की जगह किसी दूसरे को नियुक्त किए जाने से सुनंदा पुष्कर मामले की जांच पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
कांग्रेस सांसद एवं पूर्व मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के पांच सितारा होटल में लीला पैलेस में मृत पाई गई थीं।
25 मार्च को उच्च न्यायालय ने एम्स को आदेश दिया था कि वह गुप्ता के स्थान पर किसी नए अधिकारी को नियुक्त करने से पहले उसकी अनुमति ले।
गुप्ता ने आरोप लगाया था कि सुनंदा पुष्कर के पोस्टमार्टम मामले में गैरपेशेवर रूप से काम करने से इनकार करने पर उनके साथ भेदभाव किया गया।
एम्स के अधिवक्ता आर.के. गुप्ता ने अदालत से कहा कि सुधीर गुप्ता से भारद्वाज चार साल वरिष्ठ हैं और सुधीर गुप्ता ने न तो उच्च न्यायालय में और न ही सीएटी में उनकी (डी.एन. भारद्वाज) उनकी वरिष्ठता को चुनौती दी है।