नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को होटल लीला पैलेस के उस कमरे की सीलबंदी हटाने में विलंब के लिए दिल्ली पुलिस की खिंचाई की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा होटल लीला पैलेस के कमरा नंबर-345 में जनवरी, 2014 को मृत पाई गई थीं।
महानगर दंडाधिकारी धर्मेदर सिंह ने पुलिस से पूछा कि उन्होंने होटल को यह बताने में दो महीने का समय क्यों लिया कि उन्हें जांच के लिए अभी और समय चाहिए।
पुलिस ने अदालत को बताया कि सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) के विशेषज्ञों की एक टीम एक सितंबर को सबूत इकट्ठा करने जाएगी, जिसकी सूचना होटल को शुक्रवार को दी गई।
विलंब के लिए पुलिस को लताड़ लगाते हुए अदालत ने उन्हें चार सितंबर को इस संबंध में एक रिपोर्ट देने के लिए कहा है। 21 जुलाई को अदालत ने कमरे की सीलबंदी हटाने का आदेश दिया था, जो 17 जनवरी, 2014 से बंद चल रहा है।
अदालत ने कहा कि होटल सिर्फ इस बात के लिए नुकसान नहीं उठा सकता कि जांच दल मौत की वजह सुनिश्चित नहीं कर पा रही।
होटल ने अदालत से कहा कि चूंकि कमरा बीते तीन वर्षो से बंद पड़ा है, इसलिए दीमक और अन्य कीड़े-मकोड़ों ने कमरे को बर्बाद कर दिया है, बल्कि अगल-बगल के कमरे भी प्रभावित हो रहे हैं।
अदालत ने यह भी कहा कि बीते एक साल से किसी भी जांच एजेंसी ने होटल का दौरा नहीं किया है और वे जांचकर्ताओं को कमरे से जरूरत की हर चीज ले जाने की इजाजत देंगे। होटल ने यह भी कहा कि तीन साल से कमरे के बंद रहने के कारण उन्हें भारी वित्तीय क्षति उठानी पड़ी है।