नई दिल्ली/त्रिशूर। सुनंदा पुष्कर मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को सुनंदा के उस दोस्त से पूछताछ की, जिसने उन्हें हवाईअड्डे से दक्षिण दिल्ली स्थित होटल तक छोड़ा था। पुलिस शशि थरूर सहित 12 और लोगों से पूछताछ करेगी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने के कुछ दिनों बाद कारोबारी और सुनंदा के करीबी मित्र सुनील ट्रकरू से दो बार पूछताछ की गई। उन्होंने कहा कि ट्रकरू का नाम थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह से बीते साल नवंबर में पूछताछ के दौरान सामने आया था। नारायण से गुरूवार को फिर पूछताछ की गई।
नारायण से कुछ घंटे हुई पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि सुनंदा की मौत से एक दिन पहले दंपती के बीच झगड़ा हुआ था। नारायण ने पुलिस को बताया कि ट्रकरू ने ही सुनंदा को दिल्ली हवाईअड्डेसे होटल लीला पैलेस तक पहुंचाया था, जहां वह 17 जनवरी को मृत पाई गईं।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह थरूर, सुनंदा के बेटे शिव मेनन, उनके दो भाई आशीष दास तथा राजेश पुष्कर एवं उनके चिकित्सक रजत मोहन सहित 12 और लोगों से पूछताछ करेगी। वे कैटी नामक व्यक्ति की भी तलाश कर रहे हैं, जिसका नाम थरूर तथा सुनंदा के बीच बहस के दौरान सामने आया था।
दिल्ली पुलिस कांग्रेस सांसद शशि थरूर के निजी सहायक (पीए) से पूछताछ करेगी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि 17 जनवरी, 2014 को जब सुनंदा पुष्कर अपने कमरे में रहस्यमय परिस्थिति में मृत पाई गई थीं, उस वक्त थरूर के पीए राकेश कुमार शर्मा उस होटल में मौजूद थे।
पुलिस इस दंपती के पारिवारिक मित्र संजय दीवान से भी पूछताछ करेगी, जिन्होंने शाम 5.30 बजे सुनंदा को तब मृत पाया, जब वह उनका हालचाल लेने वहां पहुंचे थे। एक अधिकारी ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार नलिनी सिंह से भी पूछताछ हो सकती है, क्योंकि माना जा रहा है कि मौत के पहले सुनंदा टेलीफोन पर उनसे लगातार संपर्क में थीं।
इसके अलावा, थरूर के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) शिव कुमार प्रसाद तथा चालक बजरंगी को बुलाया जाएगा। हत्या मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के विशेष दल ने शुक्रवार को होटल का दौरा किया, जहां उन्होंने कर्मचारियों से पूछताछ की और उस कमरे में भी गए, जहां सुनंदा मृत पाई गई थीं।
वहीं, केरल के त्रिशूर में अपना इलाज करा रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस बात की मांग की है कि उनकी पत्नी की मौत की जांच पेशेवर ढंग से हो, जो राजनीतिक दबाव तथा पूर्वाग्रह से मुक्त हो। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक निजी आयुर्वेदिक केंद्र में संवाददाताओं से कहा कि मैं अपनी पत्नी को खो चुका हूं और मुझे शांति से शोक मनाने की भी अनुमति नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह दंग रह गया, क्योंकि हमारे परिवार में ऎसा कोई कारण नहीं था, जिससे माना जाए कि उसकी मौत के पीछे कोई राज हो सकता है। थरूर ने कहा कि इस मुद्दे पर वह पूरे साल चुप्पी साधे रहे, ताकि पुलिस मामले के तथ्यों को स्थापित कर सके।
उन्होंने कहा कि पुलिस से मैंने पूर्ण सहयोग का वादा किया है। कई रिपोर्ट सामने आई है कि जिनमें मेरी चुप्पी के पीछे कुछ राज छिपे हैं, ऎसा कहा गया है। थरूर ने कहा कि वह जांच के निष्कर्ष तथा जिस तरह उसे अंजाम दिया जा रहा है, उसे लेकर वह बेहद परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि कई तरह की गलत सूचनाएं, तोड़-मरोड़ और सिरे से नकारने वाले झूठ सामने आ रहे हैं। सुनंदा की दुखद मौत मामले की निश्पक्ष जांच हो। मैं किसी सार्वजनिक चर्चा में नहीं उलझूंगा। मैंने गुरूवार को दिल्ली पुलिस को लिखा है कि मैं उनका पूर्ण सहयोग करूंगा और उनके तमाम सवालों का जल्द जवाब देना पसंद करूंगा।
सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी को दिल्ली के एक होटल के एक कमरे में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाई गई थीं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की चिकित्सकीय रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने इस महीने की शुरूआत में हत्या का एक मामला दर्ज किया है।