नई दिल्ली। अवैध रूप से घुस रहे बांग्लादेशियों को लेकर उच्चतम न्यायालय ने भी सख्त रवैया अपनाया है, न्यायालय ने केन्द्र सरकार को तीन दिन के अंदर भारत-बांग्लादेश नियंत्रण रेखा पर बाड तथा फ्लड लाइट्स लगाने का काम पूरा करने के निर्देश दिये हैं ।
न्यायालय ने कहा कि अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेजने और बांग्लादेशियों के अवैध प्रवेश को रोकने के लिए बांग्लादेश की सरकार से बात करने को भी कहा है। उच्चत्तम न्यायालय ने सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6 से 13 सवालों को विचार के लिए संवैधानिक पीठ को सौंप दिया है। ये सेक्शन 25 मार्च 1971 तक असम में बांग्लादेशियों के प्रवेश की इजाजत देता है और इसी से बांग्लादेशियों को यहां पनाह मिलने के रास्ते खुल रहे हैं। देश के बाकी हिस्सों में नागरिकता के लिए निर्धारित तिथि 19 जुलाई 1949 की है। याचिका के मुताबिक इस सेक्शन का मकसद अवैध तरीके से बांग्लादेशियों के प्रवेश को बढावा देना है ।
निकल गई 16 मई भी
बांग्लादेशियों को लेकर अपने चुनावी दौरे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में प्रचार के दौरान बडी ही आक्रामक बयानबाजियां भी की थी। 28 अप्रेल को श्रीरामपुर की अपनी सभा में तो नरेन्द्र मोदी ने साफ-साफ कह दिया था कि 16 मई के बाद बांग्लादेशी घुसपैठिये अपना बोरिया बिस्तरा बांधना शुरू कर दें। 16 मई बीते छह महीने होने को आ गए हैं, अभी तक केन्द्र सरकार ने बांग्लादेशियों की घुसपैठ को लेकर कोई बडा कदम नहीं उठाया है।