नई दिल्ली। सोशल मैसेजिंग एप व्हाट्सएप में प्राइवेसी के हनन के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई 12 मई को करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 16 जनवरी को सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और फेसबुक को नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता कर्मन्या सिंह के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट में कहा कि व्हाट्सएप और फेसबुक डाटा शेयर कर संविधान की धारा 21 का उल्लंघन कर रहे हैं।
पिछली सुनवाई के दौरान सुनवाई के दौरान साल्वे ने कहा था कि व्हाट्सएप और फेसबुक के 157 मिलियन यूजर हैं लिहाजा ये एक पब्लिक युटिलिटी सर्विस है। अगर यह पब्लिक युटिलिटी सर्विस है तो सरकार को लोगों के व्यक्तिगत आंकड़ों की सुरक्षा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि फेसबुक और व्हाट्सएप का टेलीकॉम सर्विस प्रदाता कंपनी की तरह व्यवहार होना चाहिए। अगर ये व्यक्तिगत आंकड़ों की चोरी करते हैं तो इनका लाईसेंस रद्द किया जाना चाहिए।
हालांकि सुनवाई की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फेसबुक और व्हाट्सएफ मुफ्त में सेवा देते हैं और किसी को सेवा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाता है। लेकिन हरीश साल्वे की दलीलों के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार और फेसबुक को नोटिस जारी किया।
आपको बता दें कि याचिकाकर्ता कर्मन्या सिंह छात्र हैं। उनके साथ एक और श्रेया सेठी ने दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी और कहा था कि व्हाट्स एप की नई प्राईवेसी पॉलिसी से यूजर्स के मौलिक अधिकारों का हनन होता है।