नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को भारत और इंग्लैंड के बीच अगले टेस्ट मैचों, वनडे और ट्वेंटी- ट्वेंटी मैचों के आयोजन के लिए रुपये की निकासी करने की अनुमति दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने आगामी दो टेस्ट मैचों के लिए 1.33 करोड़ जबकि तीन वनडे और तीन ट्वेंटी- ट्वेंटी मैचों के आयोजन के लिए 25-25 लाख रुपए निकालने की अनुमति दी। कुल 2.83 करोड़ रुपए निकासी की अनुमति दी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को निर्देश दिया कि राज्य संघों को पैसा न दें क्योंकि उन्होंने लोढ़ा पैनल को मानने का हलफनामा दायर नहीं किया है। कोर्ट ने बीसीसीआई को सारे खर्चों का हिसाब देने का भी निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 8 नवंबर को भी बीसीसीआई को राजकोट टेस्ट मैच के आयोजन के लिए 58.66 लाख रुपये जारी करने का आदेश दिया था।
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में दायर जस्टिस लोढ़ा पैनल ने अपने स्टेटस रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि बीसीसीआई के पदाधिकारियों को अयोग्य घोषित किया जाए और पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लै को ऑब्जर्वर नियुक्त किया जाए।
पैनल ने कहा था कि पदाधिकारियों को बर्खास्त कर देना चाहिए। पैनल ने कहा था कि ऑब्जर्वर के रूप में जीके पिल्लई बीसीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए ऑडिटरों की नियुक्ति का काम करेंगे। इनमें इंडियन प्रीमियर लीग के मीडिया अधिकारों के कॉन्ट्रैक्ट भी शामिल हैं।
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और राज्य संघों को लोढा पैनल की सिफारिशों को लागू करने के लिए 3 दिसम्बर तक का समय दिया था, और तब तक के लिए राज्य संघों को किसी भी तरह का भुगतान तब तक रोकने का आदेश दिया था।
पिछले दिनों राजकोट टेस्ट के पहले बीसीसीआई ने फंड निकासी की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद कोर्ट ने जरुरी राशि निकालने की अनुमति दी थी।