नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र को पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त दार्जिलिंग और कलिमपोंग जिले से केंद्रीय अर्ध सैनिक बल की सात टुकड़ियों को वहां से हटाने की इजाजत दे दी। यहां अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए.एम. खानविलकर और न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र सरकार को केंद्रीय सशस्त्र अर्ध सैन्य बल को हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के इन हिसाग्रस्त जिलों से हटाने के निर्देश दिए।
पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार से उच्च न्यायालय द्वारा पहाड़ी जिलों में तैनात केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों की 15 कंपनियों में से 10 को वहां से हटाने के निर्णय को रोके रखने के फैसले के विरुद्ध केंद्र सरकार की अपील पर प्रतिक्रिया भी मांगी है।
सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित कार्यवाही पर भी रोक लगा दी और कहा कि इस मामले को संपूर्ण रूप से देखा जाएगा और केंद्र की अपील पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 27 नवम्बर तय की।
उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में 27 अक्टूबर तक दार्जिलिंग में सीएपीएफ को हटाने पर रोक लगा दी थी। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के केंद्रीय बलों को हटाने के निर्णय का अदालत में विरोध किया था।