नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने सोमवार को जेपी एसोसिएट्स को उसकी सहयोगी कंपनी जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ चल रही दिवालियापन की कार्रवाई को देखते हुए न्यायालय के रजिस्ट्रार के पास 2,000 करोड़ रुपए जमा कराने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश एएम खानविलकर और न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा है कि यह रकम 27 अक्टूबर तक जमा करानी होगी।
खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई का दिन 13 नवंबर निर्धारित करते हुए कहा कि अगर इस रकम को जुटाने के लिए जेपी एसोसिएट्स अपनी किसी संपत्ति को बेचना चाहती है, तो इससे पहले उसे अदालत की अनुमति लेनी होगी।
इसके साथ खंडपीठ ने कंपनी के प्रबंध निदेशक और सभी निदेशकों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि इनमें वो सभी लोग शामिल है जो नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की इलाहाबाद खंडपीठ द्वारा दिए गए 9 अगस्त को दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश के समय कंपनी के निदेशक थे।