नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पार्श्वनाथ बिल्डर्स को आदेश दिया हैं कि वो चार हफ्ते में कोर्ट की रजिस्ट्री के पास 12 करोड़ रुपए जमा करवाए।
कोर्ट ने यह आदेश गाजियाबाद में पार्श्वनाथ बिल्डर्स के एक्सोटिका प्रोजेक्ट को लेकर ग्राहकों द्वारा हर्जाना मांगे जाने की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
पार्श्वनाथ बिल्डर्स ने फ्लैट देने के लिए कोर्ट से एक साल का और समय माँगा था, लेकिन कोर्ट ने उसकी मांग नहीं मानी और खरीदारों को पैसा वापस करने का खाका पेश करने को कहा।
इससे पहले 26 अगस्त को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पार्श्वनाथ बिल्डर का घाटे का रोना दरकिनार करते हुए गाजियाबाद के एक्सोटिका प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराने वालों को पैसा वापस करने का शेड्यूल बताने को कहा था।
कोर्ट ने पार्श्वनाथ बिल्डवेल से कहा था कि वह गाजियाबाद की एक्सोटिका परियोजना में फ्लैट देने में देरी पर लोगों का पैसा वापस करे।
इस पर पार्श्वनाथ के वकील का कहना था कि उनके पास पैसे की बेहद कमी है। उन्हें पिछले साल ही 400 करोड़ का घाटा हुआ है लेकिन फिर भी वे अपने वादे के मुताबिक लोगों को फ्लैट देंगे बस कोर्ट उन्हें थोड़ा सा समय दे दे।
फ्लैट खरीदारों का कहना था कि उन्होंने 2007 में फ्लैट बुक कराया था। उन्हें 2011 में फ्लैट मिल जाना चाहिए था। लेकिन 2015 में जीडीए ने योजना की मंजूरी निरस्त कर दी। ऐसे में खरीदारों की क्या गलती है।
इस मामले में आयोग ने 70 खरीदारों को ब्याज सहित पैसा वापस करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ पार्श्वनाथ सुप्रीम कोर्ट आया है।