नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक बिल्डर्स को निर्देश दिया है कि वह नोएडा के एमरल्ड कोर्ट के फ्लैट धारकों को चार हफ्ते में पैसे लौटाए। मामले की सुनवाई 9 अगस्त को होगी।
सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में पांच करोड़ रुपए जमा किए हैं। सुनवाई के दौरान सुपरटेक ने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पांच करोड़ रुपए सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वे इन पैसों को फिक्सड डिपॉजिट स्कीम में जमा कर दें। फ्लैट खरीददार बिल्डर से संपर्क कर पैसै लौटाने की अर्जी एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड को दे सकते हैं। उन अर्जियों को देने के चार हफ्ते के भीतर बिल्डर को फ्लैट धारकों को पैसे लौटाने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अंतिम सुनवाई 9 अगस्त को करने का फैसला किया है। इसके पहले छह जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक बिल्डर्स की इस अर्जी को स्वीकार कर लिया था कि उसे दस जनवरी तक दस करोड़ रुपए जमा करने से छूट दी जाए।
सुपरटेक ने कहा था कि नोटबंदी की वजह से उसे पैसे जुटाने में दिक्कत हो रही है। कोर्ट ने उसकी दलील को स्वीकार करते हुए आदेश दिया था कि वह बीस मार्च तक कोर्ट में दस करोड़ रुपए जमा करे।
पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को आदेश दिया था कि वो कोर्ट की रजिस्ट्री में दस करोड़ रुपए जमा करे ताकि नोएडा के एमरल्ड कोर्ट के फ्लैट धारकों को पैसे दिए जा सकें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर हमें ऐसा लगेगा कि इन दोनों टावर्स का निर्माण कानून का उल्लंघन कर किया गया है तो हम उसे ढहाने की अनुमति देंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों टावरों को अवैध घोषित कर गिराने के आदेश दिए थे, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी और टावर को सील करने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 14 फीसदी ब्याज के साथ खरीदारों को रकम वापस करने के लिए कहा था।