नई दिल्ली। शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में 17 बैंकों के कंसोर्टियम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस एके गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने विजय माल्या के वकील से पूछा कि वो ये बताएं कि उन्होंने अपनी संपत्ति के बारे में कोर्ट में जो हलफनामा दिया है वो सही है कि नहीं?
सुनवाई के दौरान विजय माल्या के वकील ने कहा कि उनके पास नौ हजार करोड़ रुपए लोन चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं। हमारी सारी संपत्ति सरकार जब्त कर चुकी है। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अच्छा आपके पास पैसे नहीं हैं?
बैंकों की ओर से पेश अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि माल्या ने डियाजियो डील में चालीस मिलियन अमरीकी डॉलर हासिल किए थे, उसे वापस लाएं, जिसे उन्होंने विदेश में अपने बच्चे के बैंक खाते में जमा कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अटार्नी जनरल से पूछा कि वे ये बताएं कि किस तरह सुप्रीम कोर्ट का आदेश माल्या से लागू कराया जा सके? क्योंकि वो भारत छोड़कर लंदन में रह रहा है। क्या क्रिमिनल लॉ में विजय माल्या को वापस लाने का कोई तरीका है?
अटार्नी जनरल ने जवाब दिया कि हम इसके लिए कदम उठा रहे हैं। अटार्नी जनरल ने कहा कि माल्या ने डियाजियो से मिले चालीस मिलियन डॉलर के बारे में कुछ नहीं बताया।
सुप्रीम कोर्ट ने माल्या से पूछा कि क्या आपने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं किया जिसके तहत आप कोर्ट की अनुमति के बिना संपत्ति को ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं।
इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विजय माल्या को आदेशों का पालन करने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि वे अपनी संपत्ति का पूरा खुलासा करें जिसमें डियाजियो से मिले 40 मिलियन डॉलर का भी जिक्र हो।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या से कहा था कि आपके जवाब में आपको मिले चालीस मिलियन डॉलर का कहीं जिक्र नहीं है। इस पर विजय माल्या के वकील ने कहा था कि उन्हें ये पैसे पच्चीस फरवरी को मिले और हो सकता है कि ये 31 मार्च तक खर्च हो गए हों। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप नए हलफनामे में इसकी पूरी डिटेल दें कि पूरी रकम का क्या हुआ।