नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय की अवकाश पीठ ने बुधवार को उस याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें मिड डे मिल व विकलांग पेंशन सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने को लेकर सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं को चुनौती दी गई है।
न्यायाधीश एल.नागेश्वर राव तथा न्यायाधीश नवीन सिन्हा की पीठ ने शांता सिन्हा तथा कल्याणी सेन मेनन की याचिका की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए कहा कि न्यायाधीश एल.नागेश्वर राव मामले में सरकार की तरफ से न्यायालय में पेश हो चुके हैं, जब वह अतिरिक्त महाधिवक्ता थे।
मामले की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए अवकाश पीठ ने कहा कि मामले को सुनवाई के लिए एक उपयुक्त पीठ के समक्ष रखा जाएगा।
वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने जब न्यायालय से याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया, तो 12 मई को प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर के नेतृत्व वाली एक संवैधानिक पीठ ने याचिकाकर्ता को 17 मई को एक अवकाश पीठ के पास जाने के लिए कहा था।
सिन्हा तथा मेनन ने तर्क दिया है कि आधार अधिनियम के तहत इसे बनवाना अपनी इच्छा पर निर्भर करता है, लेकिन फरवरी से लेकर 12 मई तक 17 अधिसूचनाओं में सरकार ने इसे अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है।