नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि निजी जीवन में दखल देने और निजता के अधिकार का उल्लंघन करने के आरोपों को लेकर आधार कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पांच सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई करेगी।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली न्यायाधीश ए.एम.खानविलकर और न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि इस मामले में सुनवाई नवंबर के आखिरी सप्ताह में होगी।
महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि केद्र ने आधार संख्या को जोड़ने से संबंधित क्षेत्रों के विस्तार के आरोपों का खंडन करते हुए विस्तृत शपथ-पत्र दाखिल किया है, जिसके बाद न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई नवंबर के आखिरी सप्ताह में तय कर दी।
वेणुगोपाल ने न्यायालय से अन्य कोई अंतरिम आदेश नहीं देने का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार ने आधार को लागू करने में हो रही कठिनाइयों के संबंध में 100 से ज्यादा आदेश और अधिसूचनाएं लागू की हैं।
महान्यायवादी ने न्यायालय से यथास्थिति बरकरार रखने का आग्रह करते हुए पीठ से इस संबंध में कोई अंतरिम आदेश नहीं देने का आग्रह किया।