नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम। सुप्रीमकोर्ट ने सोमवार को केरल सरकार को टी.पी.सेनकुमार को राज्य के पुलिस महानिदेशक के पद पर फिर से बहाल करने के आदेश दिए। इसे केरल सरकार के लिए झटके के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने 25 मई, 2016 को पदभार ग्रहण करने के बाद सेनकुमार को पुलिस महानिदेशक के पद से हटा दिया था।
इस मामले में डीजीपी की नैतिक तौर पर जीत हुई है। वह 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सभी नजरें फिलहाल विजयन सरकार पर टिकी हैं कि वह सेनकुमार को जल्द बहाल करते हैं या इसमें देरी करते हैं।
वामपंथी सरकार ने सेनकुमार को पद से हटाते हुए कहा था कि उन्हें पुत्तिंगल मंदिर में पटाखा विस्फोट और जीशा हत्याकांड मामले में ‘ठीक ढंग से काम नहीं कर पाने’ के कारण पद से हटाया गया।
इसके बाद सेनकुमार ने केरल हाईकोर्ट का रुख किया था। हालांकि उच्च न्यायालय का फैसला उनके हक में नहीं आया, जिसके बाद उन्होंने शीर्ष अदालत का रुख किया।
सेनकुमार इस वक्त सरकारी ‘इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट इन गवर्नमेंट’ में निदेशक हैं। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर खुशी जताते हुए तिरुवनंतपुरम में कहा कि न्याय हुआ है और यह उन लोगों का मनोबल बढ़ाएगा, जो अपने काम को प्राथमिकता देते हैं और उसे लेकर प्रतिबद्ध होते हैं।
सेनकुमार ने कहा कि मैं इस जीत के लिए अपने वकीलों, मीडिया और उन सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हूं, जो न्याय की मेरी इस लड़ाई में मेरे साथ खड़े रहे। यह फैसला अन्य लोगों के लिए भी बेहतर होगा।
वह राज्य के पुलिस प्रमुख के रूप में कब प्रभार संभालेंगे? सेनकुमार ने कहा कि मैं राज्य सरकार के अगले कदम का इंतजार करूंगा। मैं सर्वोच्च न्यायालय से आदेश की प्रति मिलने का भी इंतजार कर रहा हूं।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने संवाददाताओं से कहा कि यह फैसला अधिकारी के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है और इस फैसले से सिद्ध होता है कि उन्होंने सर्वश्रेष्ठ तरीके से मामलों की जांच की।
वहीं, मुख्यमंत्री विजयन के कार्यालय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय से आदेश की प्रति मिलने के बाद ही फैसला किया जाएगा कि इस दिशा में आगे क्या कदम उठाया जाएगा?