नई दिल्ली। सहारा मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय की पेरोल अवधि 17 अप्रैल तक बढ़ा दी है और सहारा समूह को आदेश दिया कि वो 17 अप्रेल तक 5092.46 करोड़ रुपए जमा करे।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की इस अर्जी को खारिज कर दिया कि उसे रकम चुकाने के लिए छह माह का समय दिया जाए। सहारा मामले में मंगलवार को सेबी ने कहा कि सूची में जो दो संपत्तियां दी गई हैं उन्हें बेचने की कोशिश की गई लेकिन वो नहीं बिकीं।
अब सहारा को खुद ही इसे ई-ऑक्शन के जरिये बेचने की इजाजत दी जाए। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम नहीं चाहते कि सहारा इसे बेचे इसे आप (सेबी) ही बेचिए।
सुनवाई के दौरान एमिकस क्युरी शेखर नफड़े ने कहा कि स्टेट बैंक और एचडीएफसी को इन संपत्तियों को बेचने के लिए एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन वे बड़ी रकम चार्ज के रूप में ले रही हैं। तब सहारा ने कहा कि वे करीब 41 करोड़ रुपए चार्ज के रूप में लेती हैं। आप हमें बेचने की अनुमति दें, हम बेच लेंगे।
तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप बेचेंगे तो हम केवल तीस दिनों का समय देंगे। सहारा ने कहा कि हमारी जमीन कम कीमत में बेची जाएगी इसलिए आप हमें पर्याप्त समय दीजिए। सहारा ने कहा कि एक अंतर्राष्ट्रीय रियल इस्टेट कंपनी उसकी सहारा होटल प्लाजा को 550 मिलियन डॉलर में खरीदने को तैयार है।
तब सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी कंपनी से कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट में 750 करोड़ रुपए जमा करे ताकि उसकी खरीदने की मंशा साबित हो सके। एमिकस क्युरी शेखर नफड़े ने कहा कि सेबी का जमीन बेचने का अनुभव संतोषजनक नहीं रहा है।
उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को अपनी संपत्ति बेचकर 17 अप्रेल तक 5092.46 करोड़ रुपये जमा करने की अनुमति दी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कोई भी संपत्ति सर्किल रेट के 90 फीसदी से कम पर नहीं बेच सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर सहारा समूह 10 अप्रेल तक इस 5092.46 करोड़ रुपए की रकम का अधिकांश जमा कर देता है तो कोर्ट उन्हें संपत्ति बेचने की मियाद बढ़ाने की अनुमति दे सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में 17 अप्रेल तक 1100 करोड़ रुपए जमा करें ताकि वह सहारा की जमीन अधिग्रहीत कर सके। सहारा ने जो संपत्ति की लिस्ट सौंपी है उसमें लखनऊ का सहारा अस्पताल भी शामिल है।
सहारा ने मंगलवार को 15 संपत्तियों की जो लिस्ट सौंपी उसमें दो संपत्तियों को बेचने पर रोक लगा दी है। लंदन के न्यूयॉर्क होटल प्लाजा को खरीदने वाली कंपनी का नाम एमजी कैपिटल होल्डिंग्स है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 750 करोड़ रुपए सुप्रीम कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया है।