नई दिल्ली। बिहार के बाहुबली और आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को सिवान से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन, बिहार सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस दिया है।
कोर्ट ने यह नोटिस राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन और चंद्रकेश्वर प्रसाद ऊर्फ चंदा बाबू की याचिका पर दिया है। चंद्रकेश्वर प्रसाद के वकील प्रशांत भूषण की इस मांग का बिहार सरकार ने कोई विरोध नहीं किया।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि इस मामले में वह कोर्ट की मदद करे। मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कहा कि शहाबुद्दीन के खिलाफ 45 केस चल रहे हैं। जेल में उनके पास से मोबाइल फोन बरामद हुए हैं और वह नेताओं से मिलते रहते हैं। सिवान की जेल में शहाबुद्दीन के रहने पर उसका भय बना रहता है।
उन्हें सिवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल ट्रांसफर किया जाए और वीडियो कांफ्रेंसिंग से ट्रायल चलाया जाए।
प्रशांत भूषण की दलील थी कि सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में जिस तरह बाहुबली पप्पू यादव को तिहाड़ ट्रांसफर किया था और वीडियो कांफ्रेसिंग से ट्रायल चलाया था, उसी तरह शहाबुद्दीन केस में किया जा सकता है।
बिहार सरकार की ओर से कहा गया कि सिवान जेल में ही सारे ट्रायल चल रहे हैं अगर उन्हें ट्रांसफर किया गया तो ट्रायल में दिक्कत होगी।