नई दिल्ली। कांग्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को बर्खास्त किए जाने के फैसले को सही ठहराया है।
पार्टी के मुताबिक बीसीसीआई को सर्वोच्च न्यायालय के पिछले फैसले की अवहेलना नहीं करनी चाहिए थी। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सोमवार को कहा, मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही है।
बीसीसीआई को सुप्रीम कोर्ट के 18 जुलाई के फैसले की अवहेलना नहीं करनी चाहिए थी। तिवारी के अनुसार ये तो होना ही था। 18 जुलाई को जो फ़ैसला आया था उसके बाद तय था कि बीसीसीआई को लोढ़ा पैनल की सिफारिशें लागू करनी ही होंगी। वे उससे बच नहीं सकते।
दरअसल सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग पर कोर्ट में गलत हलफनामा देने के आरोप और लोढ़ा कमिटी की सिफारिशें न मामने के कारण पद से हटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अनुराग ठाकुर को अवमानना का नोटिस भी दिया गया है।
इस मामले में बीसीसीआई के खिलाफ़ याचिका दायर करने वाले क्रिकेटरों और लोगों में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी भी थे। मुख्य न्यायधीश टीएस ठाकुर खुद इस पूरे मामले की सुनवाई कर रहे थे।
सर्वोच्च न्यायालय ने अनुराग को चेतावनी देते हुए कहा कि झूठी गवाही के लिए बोर्ड अध्यक्ष को सजा क्यों न दी जाए। उनपर कोर्ट की अवमानना का केस चलाया जा सकता है और अगर बिना शर्त माफी न मांगी तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।
अनुराग पर आरोप है कि उन्होंने कोर्ट से झूठ बोला और सुधार प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश की, हालांकि अनुराग ने इन आरोपों से इनकार किया है।