नई दिल्ली। राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा झटका देते हुए पंचायती राज विभाग और अन्य विभागों में एलडीसी क्लर्कों की नियुक्ति के मामले में राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति पर लगाई गई रोक को हटा दिया है।
जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस पीसी पंत और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने राज्य सरकार की तीन याचिकाओं को खारिज करते हुए ये रोक हटाई है। राजस्थान सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट की तीस जुलाई 2012, अठारह अप्रेल 2014 और 23 मई 2014 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा मनरेगा में नियुक्त एलडीसी के पदों पर नियुक्ति के लिए बोनस अंक न देने के राज्य सरकार के फैसले को खारिज कर दिया था । हाईकोर्ट ने राजस्थान पंचायती राज रुल्स,1966 के नियम 273 के प्रतिबंध दो को अवैध करार दिया था।
हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार को ये भी आदेश दिया था कि प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिये बहाल किए गए अनुभवी व्यक्तियों को बोनस अंक दें। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की अर्जी को खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाई।
राजस्थान सरकार की ओर से वकील सौरभ श्याम शमशेरी ने अपना पक्ष रखा जबकि कर्मचारियों की तरफ से ऐश्वर्या भाटी ने अपनी दलीलें पेश कीं।